बेंगलुरु, तीन जुलाई (भाषा) कर्नाटक लोकायुक्त ने आईपीएस अधिकारी श्रीनाथ महादेव जोशी और एक व्यक्ति की संलिप्तता वाले जबरन वसूली गिरोह का पर्दाफाश किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, गिरोह के तहत सरकारी अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जाता था और धमकाया जाता था तथा जबरन वसूली गई धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता था।
लोकायुक्त की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, एन. सावंत नामक व्यक्ति को आबकारी विभाग और बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका के अधिकारियों को धमकाने और ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वह उन्हें व्हाट्सएप कॉल करता था।
जांच में पता चला कि वह कोडवर्ड ‘केजी’ का इस्तेमाल कर पैसे ऐंठता था। उसके पास 24 क्रिप्टो वॉलेट थे और उनमें से 13 वॉलेट में 4.92 करोड़ रुपये का निवेश था।
लोकायुक्त ने अपने बयान में कहा, ‘इसके अलावा, जांच के दौरान पाया गया कि भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) के अधिकारी श्रीनाथ महादेव जोशी उपरोक्त मामले में आरोपी सावंत के संपर्क में थे और उनके खिलाफ 15 जून 2025 को उच्च न्यायालय से तलाशी वारंट जारी कराया गया और उनके घर की तलाशी ली गई।’
बयान के अनुसार, आईपीएस अधिकारी को उसी दिन पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उन्हें नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जांच पर अस्थायी रोक लगा दी है।
भाषा नोमान सुभाष
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