ठाणे, चार जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र में ठाणे के मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने 2019 में ऑटो-रिक्शा से टक्कर लगने के कारण मारे गए एक व्यक्ति के परिवार को 10.45 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है।
इस संबंधी आदेश की प्रति बृहस्पतिवार को उपलब्ध हुई जिसमें एमएसीटी के सदस्य आर वी मोहिते ने ऑटो के मालिक और बीमाकर्ता को संयुक्त तथा एकल रूप से नौ प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजे की राशि चुकता करने के आदेश दिए हैं।
आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार मुंबई के मुलुंड क्षेत्र में एक ऑटो-रिक्शा ने सात नवंबर 2019 को 54 वर्षीय मोहम्मद असलम फारुख शेख को टक्कर मार दी थी जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और बाद में इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद शेख के परिवार ने मुआवजा पाने के लिए अधिकरण का रुख किया।
ऑटो चालक सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं हुआ और बीमाकर्ता ने बीमा राशि के भुगतान से बचने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने में एक महीने की देरी होने का जिक्र किया। उसने यह भी दावा किया कि दुर्घटना के समय ऑटो-रिक्शा चालक के पास कोई वैध लाइसेंस भी नहीं था।
अधिकरण ने अपने आदेश में कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि प्राथमिकी वास्तविक दुर्घटना की तिथि से एक महीना बाद दर्ज की गई लेकिन उसका दर्ज किया जाना दुर्घटना की तथ्यात्मक पुष्टि करता है। प्राथमिकी दर्ज करने में हुई देरी बीमा दावे को खारिज करने का आधार नहीं बन सकती।’’
एमएसीटी ने कहा कि ऑटो चालक की लापरवाही के कारण शेख की जान गई।
उसने बीमाकर्ता के बीमा उल्लंघन के दावे को गलत करार देते हुए यह भी कहा कि दुर्घटना के समय चालक के पास वैध लाइसेंस था।
इसके बाद अधिकरण ने आदेश दिया कि मृतक के परिवार को याचिका दायर किए जाने की तारीख से नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ 10.45 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
भाषा
मनीषा सिम्मी
सिम्मी