पटना, चार जुलाई (भाषा) असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है।
महागठबंधन में इस समय राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल शामिल हैं।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से महागठबंधन में शामिल होने का अनुरोध किया है।
ईमान राज्य में पार्टी के एकमात्र विधायक हैं।
दो जुलाई को लिखा गया यह पत्र पार्टी नेताओं ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।
अख्तरुल ईमान ने कहा कि बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन में एआईएमआईएम को शामिल करने से ‘‘धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोका जा सकेगा’’।
उन्होंने दावा किया, ‘‘ऐसा होने पर यह सुनिश्चित होगा कि राज्य में अगली सरकार महागठबंधन की बनेगी।’’
ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन में शामिल होने की कोशिश की थी और इस बार उन्होंने (ओवैसी) ‘‘कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं से फोन पर बात कर अपनी इच्छा जाहिर कर दी है’’।
एआईएमआईएम ने 2020 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता वाली तत्कालीन राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था।
उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) का जनता दल (यूनाइटेड) में 14 मार्च, 2021 को विलय कर दिया था। हालांकि, जद (यू) में कुछ समय रहने के बाद कुशवाहा ने 20 फरवरी, 2023 को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अपनी नयी पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद)’ का गठन किया। निर्वाचन आयोग ने ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ नाम पर कुछ आपत्तियां उठाईं, जिसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर ‘राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम)’ कर दिया। यह नाम परिवर्तन 18 फरवरी, 2024 को हुआ था।
एआईएमआईएम ने पिछले विधानसभा चुनाव में कुल पांच सीट पर जीत दर्ज की थी और ये सभी सीट सीमांचल क्षेत्र में आती हैं, जहां अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन बहुमत के आंकड़े से 12 सीट से पीछे रह गया था।
ईमान को छोड़कर एआईएमआईएम के टिकट पर चुने गए बाकी सभी विधायक 2022 में राजद में शामिल हो गये थे।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप