कोलकाता, चार जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह विवेकानंद की हिंदू धर्म की उस परिभाषा में विश्वास करती हैं, जो मानवता को हर चीज से ऊपर रखती है।
विवेकानंद को एक ‘संत-देशभक्त’ बताते हुए बनर्जी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि स्वामीजी ने जो सार्वभौमिक भाईचारे और शांति का संदेश दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में एक संपन्न परिवार में हुआ था। चार जुलाई 1902 को उनका निधन हो गया था।
बनर्जी ने कहा, ‘‘स्वामीजी जिस हिंदू धर्म में विश्वास करते थे, मैं भी उसी में विश्वास करती हूं और वह धर्म कहता है कि मानवता सबसे महान है। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों से प्रेरित होकर मैं चाहती हूं कि बंगाल और देश के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या वर्ग के हों, एक-दूसरे का सम्मान और प्रेम करें।’’
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि विवेकानंद और उनकी शिष्या सिस्टर निवेदिता के आवास क्रमशः रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण शारदा मिशन को सौंपे जाएं।
विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी। रामकृष्ण शारदा मिशन, रामकृष्ण मठ की तर्ज पर एक महिला साध्वी संगठन है, जिसकी स्थापना 1960 में की गई थी।
बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार स्वामीजी के आवास पर संग्रहालय के रखरखाव के लिए वार्षिक अनुदान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी के बीच स्वामीजी के आदर्शों के और अधिक प्रसार के लिए राज्य सरकार ने उनके जन्मदिन 23 जनवरी को ‘विवेक चेतना उत्सव’ का आयोजन किया।
बनर्जी ने बताया कि युवाओं के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का नाम स्वामीजी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने साल्ट लेक स्टेडियम का नाम बदलकर ‘विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन’ कर दिया है।’’
भाषा शफीक रंजन
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