मुंबई, चार जुलाई (भाषा) विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के चलते शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे मजबूत होकर 85.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की नई उम्मीद के चलते रुपया समेत एशिया की अन्य मुद्राओं में तेजी आई।
कारोबारियों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वियतनाम के साथ एक व्यापार समझौते की घोषणा की है। इससे उम्मीद की एक किरण जगी है कि शायद नौ जुलाई की समय-सीमा से पहले इस तरह के और समझौते भी हो सकते हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के रुपया मुकाबले 85.44 पर खुला और कारोबार के दौरान 85.30 के उच्चतम स्तर और 85.50 के निम्नतम स्तर तक जाने के बाद अंत में 85.39 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 16 पैसे की बढ़त है।
बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे बढ़कर 85.55 पर बंद हुआ।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, “उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर में गिरावट और कच्चे तेल में कमजोरी के चलते रुपये में तेजी आएगी। हालांकि, व्यापार शुल्कों को लेकर अनिश्चितता के कारण तेज बढ़त पर अंकुश लग सकती है।”
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत गिरकर 96.94 पर आ गया।
वायदा कारोबार में वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.18 प्रतिशत टूटकर 67.99 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।
चौधरी के अनुसार, डॉलर-रुपया हाजिर मूल्य 85.10 से 85.70 के बीच कारोबार करने की उम्मीद है।
इस बीच, घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 193.42 अंक बढ़कर 83,432.89 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 55.70 अंक कर बढ़त के साथ 25,461.00 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 1,481.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा अनुराग रमण
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