नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) भारत की विश्व कप 1975 में खिताबी जीत के नायक रहे पूर्व हॉकी खिलाड़ी असलम शेर खान ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश सरकार की उपेक्षा के कारण भोपाल की विरासत का हिस्सा रहे ओबेदुल्ला कप टूर्नामेंट का भविष्य अधर में है ।
पूर्व ओलंपियन असलम ने भाषा से कहा ,‘‘ यह सिर्फ एक हॉकी टूर्नामेंट नहीं बल्कि भोपाल की विरासत का हिस्सा है । हमने इस साल इसे पुनर्जीवित करने के लिये हॉकी इंडिया से अनुमति लेने के बाद आयोजन समिति का गठन किया और मई में इसका आयोजन होना था लेकिन बारंबार संपर्क के बावजूद प्रदेश सरकार से कोई जवाब नहीं मिला ।’’
असलम की अध्यक्षता में गठित समिति का कहना है कि उन्होंने प्रदेश के खेल निदेशक और भोपाल के कमिश्नर को ईमेल भेजे लेकिन कोई जवाब नहीं मिला । उन्होंने बताया कि टूर्नामेंट पहले 14 अप्रैल से होना था लेकिन ऐशबाग स्टेडियम की मरम्मत के कारण इसे 22 मई को कराने का फैसला लिया गया ।
असलम ने कहा ,‘‘ हमने बार बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला । हमने 12 टीमों को आमंत्रित भी कर लिया था जिन्होंने भागीदारी की पुष्टि की थी जिनमें सेना एकादश, रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, हॉकी महाराष्ट्र, हॉकी उत्तर प्रदेश , हॉकी झारखंड शामिल है ।’’
एहसान मुहम्मद, लतीफुर रहमान, अख्तर हुसैन, इनामुर रहमान, असलम शेर खान , सैयद जलालुद्दीन रिजवी और समीर दाद जैसे अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी देने वाले ओबेदुल्ला कप की शुरूआत 1931 में भोपाल रियासत के नवाब के संरक्षण में हुई थी ।
बैतूल से कांग्रेस के पूर्व सांसद रहे असलम ने कहा कि मध्यप्रदेश हॉकी और भोपाल हॉकी संघ के आपसी झगड़ों का खामियाजा इस टूर्नामेंट को भुगतना पड़ा है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ भारतीय ओलंपिक संघ का एक राज्य, एक इकाई का फॉर्मूला लागू करने से अन्य संगठनों सहित भोपाल हॉकी संघ की मान्यता खत्म हो गई थी जबकि यह 1925 से भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) के संस्थापक सदस्य था। मप्र हॉकी का मुख्यालय जबलपुर स्थानांतरित हो गया जिसकी ओबेदुल्ला कप में कोई रूचि नहीं थी ।’’
वहीं हॉकी इंडिया के सूत्रों ने बताया कि टूर्नामेंट के आयोजन की मंजूरी दी गई थी लेकिन इसे कराने की जिम्मेदारी अखिल भारतीय ओबेदुल्ला खान कप हॉकी टूर्नामेंट समिति की है ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ हमने पिछले साल दिसंबर में समिति का पत्र मिलने के बाद इसके आयोजन को मंजूरी दे दी थी लेकिन इसे कराने की जिम्मेदारी समिति की थी।’’
वहीं मध्यप्रदेश सरकार के खेल विभाग के अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया हालांकि एक सूत्र ने बताया कि यह टूर्नामेंट प्रदेश खेल विभाग के कैलेंडर का हिस्सा नहीं है ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही यह टूर्नामेंट प्रदेश के खेल कैलेंडर का हिस्सा है । हो सकता है कि अतीत में इसे सरकार ने कराया हो लेकिन फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है ।’’
आखिरी बार मार्च 2022 में छह साल बाद यह टूर्नामेंट कराया गया है जिसमें रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड ने सेना एकादश को हराकर खिताब जीता था । मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका उद्घाटन किया था ।
इससे पहले 2016 में यह टूर्नामेंट हुआ था जब बीपीसीएल ने खिताब जीता था ।
भाषा मोना नमिता
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