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Friday, July 4, 2025

हम धर्मनिरपेक्ष, कांग्रेस सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी : रीजीजू

Newsहम धर्मनिरपेक्ष, कांग्रेस सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी : रीजीजू

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने शुक्रवार को कांग्रेस पर मुसलमानों को वोटबैंक बनाए रखने के लिए उनकी गरीबी दूर न करने तथा गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि असल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धर्मनिरपेक्ष है और मुख्य विपक्षी दल तथा उसकी सहयोगी पार्टियां सबसे बड़े सांप्रदायिक हैं।

उन्होंने हज समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि वोटबैंक बनने से मुसलमानों को नुकसान हुआ और कांग्रेस को इसका राजनीतिक फायदा हुआ।

रीजीजू ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी दलों के हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में छह अल्पसंख्यक समुदाय हैं और कांग्रेस उन्हें बार बार-बार डराने तथा गुमराह करने की कोशिश नहीं करे।’’

उनका कहना था, ‘‘यहां किसी को कोई दिक्कत नहीं है। अल्पसंख्यकों को वही सुविधा मिलती है जो हिंदुओं को मिलती है। अल्पसंख्यकों को अतिरिक्त संरक्षण मिलता है। दुनिया का कोई देश अल्पसंख्यकों को इतनी सुविधा नहीं देता है। राजनीतिक लाभ उठाने के लिए राजनीतिक खेल खेला जा रहा है जो ठीक नही है।’’

रीजीजू ने कहा, ‘‘मुसलमानों को वोटबैंक बनाकर 75 साल से ज्यादा समय तक जो किया गया है वह बंद होना चाहिए। इसमें नुकसान मुसलमानों का है, फायदा कांग्रेस का होता है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘मुसलमानों को गरीब कांग्रेस ने बनाया है। अब मुसलमानों की और तौहीन नहीं होनी चाहिए।’’

बिहार में एआईएमआईएम द्वारा महागठबंधन में शामिल होने की पेशकश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘सेकुलर हम लोग हैं जो धर्म और जाति देखकर काम नहीं करते हैं। सबसे बड़ी ‘कम्यूनल’ पार्टी कांग्रेस और ये लोग हैं जो मुसलमानों को डराकर, उनकी गरीब दूर न कर उनका वोट हासिल करते हैं। हम सबको बराबर देखते हैं। मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ बोला तो उसका मतलब सब बराबर हैं। हर योजना का लाभ सबको मिलता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमान उनता ही सुरक्षित हैं जितने हिंदू और दूसरे वर्ग हैं।

रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस को निर्वाचन आयोग और दूसरी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करना बंद करना चाहिए।

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा

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