चेन्नई, चार जुलाई (भाषा) अन्नाद्रमुक ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस द्वारा की गई पिटाई में मारे गए शिवगंगा जिले के मंदिर के एक गार्ड अजित कुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई भयावह तथ्य सामने आए हैं।
मुख्य विपक्षी दल ने एक सरकारी अस्पताल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए चोटों की सूची दी और कहा कि जिन लोगों ने ऐसे घाव दिए, वे मनुष्य के रूप में जानवर हैं।
ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने आभूषण चोरी के एक छोटे से मामले में संदिग्ध से पूछताछ करने के लिए शिवगंगा जिले में विशेष पुलिस दल की आवश्यकता पर आश्चर्य व्यक्त किया।
अन्नाद्रमुक के आईटी प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ’50 बाहरी चोटें, जलती सिगरेट से यातनाएं, सिर पर गंभीर प्रहार, मस्तिष्क में रक्त का रिसाव…’
इसके अलावा, पार्टी ने कहा कि पेट पर लकड़ी का एक लठ्ठा मारा गया, जिससे चोटें आईं, और हर एक चोट जो दी गई, वह बेहद भयावह थी।
पार्टी ने शिकायतकर्ता के पिछले इतिहास का हवाला देते हुए ‘संदेह और भ्रम’ का हवाला दिया। शिकायतकर्ता महिला ने अपनी कार से सोने के आभूषण चोरी होने का आरोप लगाया था।
इसके बाद, इस सिलसिले में पुलिस ने मंदिर के अस्थायी गार्ड कुमार से पूछताछ करते समय 28 जून को कथित तौर पर उसे प्रताड़ित किया और पीट-पीटकर मार डाला।
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने कहा था कि एक हत्यारा भी किसी व्यक्ति को इतनी चोट नहीं पहुंचा सकता। कुमार की कथित पोस्टमार्टम रिपोर्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक जुलाई को मामला सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया और कहा कि सरकार केंद्रीय एजेंसी को पूरा सहयोग देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर दुख हुआ कि पूछताछ के लिए ले जाए गए कुमार की पुलिस द्वारा की गई पिटाई के कारण तिरुप्पुवनम में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई।
उन्होंने कहा, ‘यह अनुचित है और इसे माफ नहीं किया जा सकता।’
कुमार शिवगंगा जिले के तिरुप्पुवनम तालुक के मदाप्पुरम गांव के रहने वाले थे।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप