मुंबई, चार जुलाई (भाषा) इस वर्ष मार्च और अप्रैल में महाराष्ट्र में कुल 479 किसानों ने आत्महत्या की। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद पाटिल ने शुक्रवार को विधानसभा में यह जानकारी दी।
प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि मार्च में मराठवाड़ा और विदर्भ में 250 किसानों ने आत्महत्या की, जबकि अप्रैल में राज्य भर में 229 किसानों ने आत्महत्या की।
मार्च में 250 मामलों में से 102 मामले सरकारी नियमों के अनुसार वित्तीय सहायता के लिए पात्र पाए गए, जिनमें से 77 मामलों में राशि वितरित की गई।
पाटिल ने बताया कि कुल 62 लोग अयोग्य पाए गए, जबकि 86 मामलों में जांच लंबित है।
मंत्री ने सदन को बताया, “अप्रैल में 229 किसानों ने आत्महत्या की। इनमें से 74 सहायता के पात्र पाए गए। इन 74 मामलों में से 33 में धनराशि जारी की गई।”
एक सरकारी संकल्प (जीआर) के अनुसार, फसल के चौपट होने, राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों या लाइसेंस प्राप्त साहूकारों से ऋण चुकाने में असमर्थता, बढ़ते कर्ज आदि के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों को वित्तीय सहायता के लिए पात्र माना जाता है। ऐसे किसानों के परिजनों को एक लाख रुपए दिए जाते हैं। यह सरकारी संकल्प 24 जनवरी 2006 का है।
मंत्री ने कहा कि वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी पर विचार नहीं किया जा रहा है।
भाषा प्रशांत पवनेश
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