मुंबई, चार जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र में मैंग्रोव वनों के विनाश को रोकने के लिए कार्रवाई की जाएगी और सरकार निजी भूमि पर मैंग्रोव के संरक्षण के लिए कार्बन क्रेडिट देने पर विचार कर रही है। सरकार की तरफ से शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी।
शिवसेना (उबाठा) विधायक भास्कर जाधव ने तटीय क्षेत्र के मैंग्रोव वनों पर खतरे का मुद्दा विधानसभा में उठाया।
वन मंत्री गणेश नाइक ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि गुजरात सीमा से गोवा तक सर्वेक्षण चल रहा है और इससे मैंग्रोव के अंतर्गत आने वाले सटीक क्षेत्र के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
मैंग्रोव समुद्र तट के किनारे उगने वाली वनस्पति को कहा जाता है, जिनकी जड़ें अक्सर लवणयुक्त पानी की तलछट में होती हैं।
नाइक ने कहा, “पालघर जिले में मैंग्रोव वनों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। वन, राजस्व और गृह विभाग के अधिकारियों को बारी-बारी से इन क्षेत्रों में गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि मुंबई में (निर्माण) मलबा मैंग्रोव वनों में फेंका हुआ पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि निजी भूमि पर मैंग्रोव के संरक्षण के लिए सरकार मालिकों को कार्बन क्रेडिट देने के प्रति सकारात्मक है।
पालघर जिले में मैंग्रोव वनों पर अतिक्रमण के बारे में भाजपा विधायक स्नेहा दुबे के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 19 मामलों में पहले ही अपराध दर्ज किए जा चुके हैं।
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प्रशांत माधव
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