छत्रपति संभाजीनगर, चार जुलाई (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पुलिस को सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत के मामले में एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। सूर्यवंशी को पिछले साल दिसंबर में परभणी में हिंसा के बाद गिरफ्तार किया गया था।
अपने अंतरिम आदेश में उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने परभणी के मोंढा पुलिस थाने के निरीक्षक को यह निर्देश दिया और जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपने को कहा।
सूर्यवंशी (35) की पिछले साल 15 दिसंबर को परभणी के एक सरकारी अस्पताल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी। कुछ दिनों पहले उन्हें संविधान की कांच की प्रतिकृति को विरूपित करने को लेकर शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा था कि सूर्यवंशी की मौत बीमार होने के बाद हुई।
महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस वर्ष मार्च में कहा था कि सूर्यवंशी की हिरासत में हुई मौत की मजिस्ट्रेट जांच से यह निष्कर्ष निकला है कि इसके लिए पुलिस जिम्मेदार थी।
आयोग ने कहा, “मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट के अवलोकन से पता चलता है कि न्यायिक मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सूर्यवंशी पर परभणी के नव मोंढा पुलिस थाने में हमला किया गया था।”
मजिस्ट्रेट के अनुसार, उनकी रिपोर्ट में नामित परभणी पुलिस अधिकारी सूर्यवंशी की हिरासत में हुई मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
इस संबंध में सोमनाथ की मां विजयाबाई सूर्यवंशी ने एक आपराधिक रिट याचिका दायर की थी, जिसमें प्रकाश आंबेडकर ने उनका प्रतिनिधित्व किया था।
अदालत ने मामले में अंतरिम आदेश पारित करते हुए मोंढा थाने के निरीक्षक को 18 दिसंबर 2024 को दायर शिकायती आवेदन के आधार पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
अदालत ने परभणी के एसपी को मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपने का भी निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
भाषा प्रशांत रंजन
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