मुंबई, चार जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के विद्यालयों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाने को लेकर जारी सरकारी आदेश की प्रति जलाने और विरोध प्रदर्शन करने के मामले में मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दीपक पवार और करीब 250 अन्य के खिलाफ शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण मुंबई में बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की स्वामित्व वाली सड़क पर 29 जून को प्रदर्शन करने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा जरूरी अनुमति नहीं ली गई थी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में मराठी अध्ययन केंद्र के प्रमुख और राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर पवार के अलावा कार्यकर्ता संतोष शिंदे, संतोष घरात, वैभव मायेकर, शशि पवार, युगेंद्र सालेकर और संतोष वीर ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था।
अधिकारी ने बताया कि उनके खिलाफ आजाद मैदान पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 189 (अवैध रूप से एकत्र होना) और 223 (लोक सेवक द्वारा जारी वैध आदेश की अवहेलना) के अलावा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पवार ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि वह और अन्य मराठी प्रेमी ऐसी कार्रवाइयों से विचलित नहीं होंगे।
महाराष्ट्र के विद्यालयों में पहली ही कक्षा से हिंदी पढ़ाने के फैसले का तीखा विरोध होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने बाद में त्रि-भाषा नीति के कार्यान्वयन पर जारी दो सरकारी आदेशों को वापस ले लिया था।
भाषा धीरज नरेश
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