नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक एवं दो अन्य सीमेंट विनिर्माताओं एवं उनके अधिकारियों को वित्तीय दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया है।
यह निर्देश सीसीआई के महानिदेशक की जांच में प्रतिस्पर्धा मानदंडों का उल्लंघन पाए जाने के बाद दिया गया है।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने डालमिया भारत सीमेंट्स और श्री दिग्विजय सीमेंट्स को भी आदेश के आठ सप्ताह के भीतर बही-खाता और लाभ एवं हानि के ब्योरे सहित अपने ऑडिट किए गए वित्तीय विवरण देने का कहा है।
इसने अल्ट्राटेक को अपनी अनुषंगी कंपनी इंडिया सीमेंट्स के लिए वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2018-19 तक पांच वर्षों के वित्तीय विवरण देने को कहा है जबकि डालमिया भारत सीमेंट्स एवं श्री दिग्विजय सीमेंट्स को वित्त वर्ष 2010-11 से लेकर वित्त वर्ष 2018-19 तक नौ वर्षों के वित्तीय विवरण पेश करने को कहा है।
इसके अलावा, सीसीआई ने उनके अधिकारियों को जांच रिपोर्ट पर औपचारिक प्रतिक्रियाओं के साथ पांच वर्षों के विस्तृत वित्तीय एवं आयकर रिकॉर्ड पेश करने का भी निर्देश दिया है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट्स और डालमिया सीमेंट भारत को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया है।
सीसीआई का यह निर्देश ओएनजीसी की तरफ से दायर एक शिकायत पर आया है, जिसमें उसकी निविदाओं में साठगांठ करने का आरोप लगाया गया था। आयोग ने 18 नवंबर, 2020 को अपनी जांच इकाई के महानिदेशक को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था।
जांच महानिदेशक ने 18 फरवरी, 2025 को पेश अपनी जांच रिपोर्ट में प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन पाया था। इसने पाया कि अल्ट्राटेक की अनुषंगी इंडिया सीमेंट्स, श्री दिग्विजय सीमेंट और डालमिया सीमेंट के साथ उमाकांत अग्रवाल नाम का एक बिचौलिया प्रतिस्पर्धा-रोधी मिलीभगत में लिप्त थे।
सीसीआई ने 26 मई, 2025 को रिपोर्ट पर विचार करने के बाद अपने आदेश में सीमेंट कंपनी को कथित उल्लंघनों की बिक्री से हुई आय का ब्योरा जमा करने का निर्देश दिया।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा है कि यदि कंपनियां तय समयसीमा के भीतर वित्तीय विवरण पेश नहीं करती हैं या अधूरी/झूठी जानकारी देती हैं, तो वे अधिनियम की धारा 45 के तहत जवाबदेह मानी जाएंगी।
अल्ट्राटेक सीमेंट्स ने दिसंबर, 2024 में इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह इकाइयों से 32.72 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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