चंडीगढ़, चार जुलाई (भाषा) जालंधर उत्तर से कांग्रेस विधायक अवतार सिंह जूनियर ने पंजाब में जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू किए जाने के मकसद से एक कानून की मांग करते हुए दो से अधिक जीवित बच्चों वाले दंपतियों के लिए कई दंडात्मक संबंधित निजी विधेयक प्रस्तुत किया है।
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह सांधवा को बुधवार को यह विधेयक सौंपा गया।
इस विधेयक में उन दंपतियों के लिए विभिन्न दंडों का उल्लेख होगा जो दो जीवित बच्चों के बावजूद भी तीसरा बच्चा पैदा कर रहे हैं।
दंड में मतदान से अयोग्यता, राज्य विधानमंडल, पंचायतों या नगर निकायों के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्यता शामिल है, जबकि किसी भी सरकारी कल्याण कार्यक्रमों तक पहुंच; सरकार या सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थानों में नियुक्तियों और राज्य द्वारा वित्त पोषित छात्रवृत्ति, फेलोशिप या राज्य द्वारा वित्त पोषित शैक्षिक प्रोत्साहन जैसे सेवाओं में अयोग्यता को भी इन सभी दंडों में शामिल किया गया है।
‘जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2025’ शीर्षक पर आधारित इस विधेयक के तहत प्रत्येक अतिरिक्त बच्चे को जन्म देने पर कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी प्रस्तावित किया गया है।
यह प्रत्येक जिला नागरिक अस्पताल में परिवार नियोजन के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति को सुनिश्चित करेगा, गर्भनिरोधक और अन्य परिवार नियोजन उपायों से संबंधित रणनीतियों की तैयारी करने के साथ उन्हें बढ़ा देगा और पात्र दंपतियों के लिए परामर्श सत्र आयोजित करेगा।
विधेयक में दो-बच्चे के मानदंडों का पालन करने वाले परिवारों के लिए प्रोत्साहन किया जाना भी शामिल है।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार जो दो-बच्चे के मानदंड का पालन करते हैं, वे प्रत्यक्ष नकद प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे। जबकि सामान्य आबादी को कम ब्याज दर पर ऋण, कर छूट और अतिरिक्त अनुदान जैसे लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
विधायक ने कहा, ‘‘जनसंख्या वृद्धि के कारण राज्य के संसाधनों पर भी असर पड़ रहा है। अगर जनसंख्या को नियंत्रित किया जाता है, तो गीबी रेखा से नीचे और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए अधिक संसाधनों का उपयोग किया जा सकता है…।’’
जूनियर ने एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि ‘जनसंख्या वृद्धि और अपराध के बीच सीधा संबंध है।’ उन्होंने तर्क दिया कि अगर जनसंख्या कम की जाए, तो इससे अपराध और बेरोजगारी समेत पंजाब में बढ़ती नशे जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।
भाषा यासिर रंजन
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