नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने 27 निष्क्रिय राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे उनका पंजीकरण जारी रखने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ये नोटिस उन राजनीतिक दलों को जारी किये गए हैं, जिन्होंने पिछले छह वर्षों (2019 से) के दौरान लोकसभा, राज्य विधानसभा या उपचुनावों में कोई उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।
इन पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) में ऑल इंडिया जन कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय समाजवादी कांग्रेस और ऑल इंडिया वुमन यूनाइटेड पार्टी जैसे नाम शामिल हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हालांकि, ये दल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत पंजीकृत हैं, लेकिन उन्होंने हाल के वर्षों में किसी भी चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं लिया है, जिससे पता चलता है कि वे अब अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार काम नहीं कर रही हैं।
इसलिए, निर्वाचन आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत ऐसी पार्टियों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की है।
बयान में कहा गया है, ‘‘सीईओ ने सभी संबंधित पक्षों से निर्धारित समय के भीतर अपना जवाब देने का अनुरोध किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि उनके नाम सूची से क्यों न हटा दिए जाएं। यदि दिये गए समय के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यह माना जाएगा कि पार्टी के पास इस मामले में कहने के लिए कुछ नहीं है और आयोग बिना किसी और नोटिस के उपयुक्त कार्रवाई करेगा।’’
बयान में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग संबंधित दलों को कोई भी अंतिम कार्रवाई करने से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दे रहा है।
बयान के अनुसार, पार्टियां अपना अभ्यावेदन पार्टी अध्यक्ष या महासचिव के हस्ताक्षर के साथ लिखित रूप में सभी सहायक दस्तावेजों के साथ जमा कर सकती हैं।
बयान में कहा गया है कि ऐसे सभी दस्तावेज 18 जुलाई तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में पहुंच जाने चाहिए।
संबंधित पक्षों की सुनवाई की तारीख 15 जुलाई तय की गई है।
बयान में कहा गया है कि पार्टी के अध्यक्ष/महासचिव/नेता को निर्धारित तिथि पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
यदि निर्धारित तिथि तक कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि पार्टी के पास कोई जवाब नहीं है और आयोग बिना किसी अतिरिक्त नोटिस के आगे उपयुक्त आदेश पारित करेगा।
भाषा सुभाष दिलीप
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