मुंबई, चार जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने नासिक जिले में भूमि घोटाले के एक मामले में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) उदय किसवे को तत्काल निलंबित करने और आठ स्टांप शुल्क अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। राज्य विधानसभा में शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी गयी।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सदन में कहा कि घोटाले में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि स्टाम्प विक्रेता जाकिर और आरिफ अब्दुल लतीफ के खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं।
गोपीचंद पडलकर (भाजपा) ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाया और नासिक जिले के मालेगांव तालुका के अंतर्गत संगमेश्वर और गुगुलगांव से आवश्यक गैर-कृषि अनुमति के बिना भूखंडों की अदला-बदली में अनियमितताओं की ओर इशारा किया।
वर्ष 2002 के एक परिपत्र के अनुसार, भूमि या कृषि संपत्ति की अदला-बदली के लिए भूखंड एक दूसरे से सटे होने चाहिए। मंत्री ने कहा कि हालांकि, उप-मंडल अधिकारी किसवे ने संगमेश्वर और गुगुलगांव के बीच इन मानदंडों का उल्लंघन कर भूमि की अदला-बदली की।
बावनकुले ने एसडीओ के निलंबन की घोषणा की और आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ विभागीय जांच एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक पडलकर ने सदन को सूचित किया कि संबंधित भूमि को अवैध रूप से 16 खंडों और 272 भूखंडों में विभाजित किया गया है, जो महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (एमआरटीपी) अधिनियम का उल्लंघन है।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2013 से 2019 के बीच 258 अनधिकृत दस्तावेज पंजीकरण किए गए। विधायक ने कहा कि स्टाम्प शुल्क अधिकारियों ने दोषपूर्ण दस्तावेज पंजीकृत करके अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है।
बावनकुले ने बताया कि आठ स्टाम्प शुल्क अधिकारियों के खिलाफ प्रारंभिक जांच की जाएगी और मानसून सत्र (जो 18 जुलाई को समाप्त हो रहा है) की समाप्ति से पहले उनके खिलाफ कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
मंत्री ने विधानसभा को बताया कि स्टाम्प विक्रेता जाकिर और लतीफ भी इस घोटाले में संलिप्त पाए गए हैं और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की जाएगी।
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