नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दल ने बार-बार ऐसा रुख अपनाया है, जिससे भारत के बजाय चीन को फायदा होता है।
भाजपा की यह टिप्पणी कांग्रेस के इस बयान के बाद आई है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार को भारत-चीन संबंधों पर संसद में चर्चा के लिए तैयार होना चाहिए, ताकि पड़ोसी देश द्वारा सीधे और पाकिस्तान के माध्यम से भारत के समक्ष पैदा की जाने वाली भू-राजनीतिक एवं आर्थिक चुनौतियों पर सामूहिक प्रतिक्रिया के लिए आम सहमति बनाई जा सके।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सेना के उप प्रमुख (क्षमता निर्माण ) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोक दिया गया।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कुछ विवरण का खुलासा किया है कि चीन ने पाकिस्तानी वायु सेना की मदद की थी। यह वही चीन है, जिसने पांच साल पहले लद्दाख में यथास्थिति को पूरी तरह से खत्म कर दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से उसे ‘क्लीन चिट’ दे दी थी।’’
रमेश की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अगर चीन भारत को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है, तो कांग्रेस ने देश की आंतरिक एकता और अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता को कमजोर करके उसका काम आसान कर दिया है।
मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अगर चीन पाकिस्तान को हथियार मुहैया करा रहा है और उसे अपने सैन्य हार्डवेयर के परीक्षण के लिए इस्तेमाल कर रहा है, तो इससे गंभीर सवाल खड़ा होता है। कांग्रेस पार्टी लगातार ऐसे विमर्श को क्यों बढ़ावा दे रही है, जिससे चीन के खिलाफ भारत की स्थिति कमजोर होती है?’’
भाजपा नेता ने कहा कि भारत को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दे, संप्रभुता की रक्षा करे और देश के प्रति अपनी वफादारी में कोई समझौता न करे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बार-बार ऐसा रुख अपनाया है, जिससे भारत के बजाय चीन को फायदा होता है।
मालवीय ने कहा, ‘चाहे सार्वजनिक बयान हों, विदेशी संवाद हों या संस्थागत फैसले हों, कांग्रेस का रुख कमजोर, अस्पष्ट और समझौतावादी रहा है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गलवान में झड़प के बाद भारतीय सेना का समर्थन करने के बजाय भारत सरकार पर हमला किया और चीन के झूठे दावों को दोहराया।
भाजपा नेता ने कहा, ‘चीन की सरकारी मीडिया ने राहुल गांधी के इस बयान का इस्तेमाल चीनी आक्रामकता को सही ठहराने के लिए किया कि ‘चीन ने हमारी जमीन ले ली है’।’
मालवीय ने आरोप लगाया कि 2017 में डोकालाम में “तनावपूर्ण गतिरोध” के दौरान राहुल ने दिल्ली में चीनी दूतावास में चीनी अधिकारियों के साथ “चुपचाप” मुलाकात की और भारत के लोगों को कभी भी कोई “औचित्य या स्पष्टीकरण” नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘जब सरकार ने टिकटॉक और पबजी जैसे चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए सख्त कदम उठाया, तो कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया। उन्होंने इसे भावनात्मक और प्रतिक्रियावादी बताया, जबकि स्पष्ट सबूत हैं कि इन मंचों का इस्तेमाल भारतीय डेटा इकट्ठा करने और चीन की डिजिटल पहुंच को मजबूत करने के लिए किया गया था।’
मालवीय ने कहा, ‘जब चीनी कंपनियों के अप्रत्यक्ष वित्तपोषण और निगरानी में शामिल होने का खुलासा हुआ, तो कांग्रेस पार्टी ने चुप रहना ही बेहतर समझा। इन हितों के साथ उनके घनिष्ठ संबंध गंभीर चिंता पैदा करते हैं।’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने 2018 में बीजिंग में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक “गुप्त” समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
मालवीय ने कहा इस एमओयू की विषय-वस्तु भारत के लोगों के सामने कभी जाहिर नहीं की गई। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया, ‘क्या सहमति बनी थी और गोपनीयता क्यों बनाई गई?’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार के नियंत्रण वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन सरकार और चीनी दूतावास से दान मिला।
उन्होंने कहा, ‘यह प्रत्यक्ष रूप से हितों का टकराव है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।’
भाषा पारुल अविनाश
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