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Saturday, July 5, 2025

हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश ने बरपाया कहर; दो हफ्ते में 45 लोगों की मौत, कई लापता

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है और पिछले दो सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में 43 लोगों की मौत हो गई, जबकि 37 अन्य लोग लापता हैं। वहीं, बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के भीमताल में एक उफनती झील में भारतीय वायुसेना के दो कर्मी डूब गए।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के निवासियों को शुक्रवार को भी कई निचले इलाकों में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा। जल निकासी व्यवस्था ठप होने के कारण भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) को बारिश का पानी निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 20 जून को दस्तक दी तथा बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण राज्य को अब तक 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

राज्य में जान गंवाने वाले 43 लोगों में से 14 की मौत बादल फटने से, आठ की अचानक आई बाढ़ में और एक की मौत भूस्खलन में हुई, जबकि सात लोगों की डूबने मौत हुई। सबसे अधिक 17 मौतें मंडी जिले में हुईं, जहां मंगलवार को बादल फटने, अचानक आई बाढ़ तथा भूस्खलन की कुल 10 घटनाओं ने तबाही मचाई।

अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले से लापता 31 लोगों की तलाश अब भी जारी है।

शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने भारी बारिश के बाद भारद, देजी, पयाला और रुकचुई गांवों में फंसे 65 लोगों को बचाया। भारी बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और नदियां उफान पर हैं, जिससे कई गांवों का सड़क संपर्क कट गया और लोगों के घरों और खेतों में गाद व मलबा जमा हो गया।

भारी बारिश के कारण 150 से अधिक मकान, 106 पशुशालाएं, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि विभिन्न आपदाओं में 164 मवेशियों की जान चली गई। बचाये गए 402 लोगों के लिए पांच राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें से 348 अकेले मंडी से हैं।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि मंडी में 156, सिरमौर में 49 और कुल्लू जिलों में 36 सहित 280 सड़कें वाहनों के आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। इसने कहा कि राज्य में 332 ट्रांसफार्मर और 784 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

स्थानीय मौसम विभाग ने ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें शनिवार से मंगलवार तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि एक अन्य पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच भीमताल में एक उफनती झील में भारतीय वायुसेना के दो कर्मी डूब गए।

क्षेत्राधिकारी प्रमोद शाह ने बताया कि पठानकोट (पंजाब) के रहने वाले प्रिंस यादव (22) और बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी साहिल कुमार (23) वायुसेना के उस आठ कर्मियों के समूह में शामिल थे जो नैनीताल में छुट्टियां मनाने गया था।

उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर बचाव अभियान चलाया तथा करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद यादव और कुमार के शवों को झील से बाहर निकाल लिया गया।

राज्य में हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है और राज्य भर में सौ से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं जिससे चारधाम यात्रा बाधित हुई है और उत्तरकाशी जिले के कुछ गांवों में खाद्यान्न की कमी हो गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ धाम सहित आपदा के लिहाज से राज्य के संवेदनशील जिलों की स्थिति का जायजा लिया।

धामी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि गृह मंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की आपातकालीन राहत एजेंसियों एनडीआरएफ/आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) आदि को तत्परता से तैनात किया जा रहा है ताकि चारधाम यात्रा बाधित न हो और श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

शुक्रवार सुबह, चट्टानों के गिरने से बद्रीनाथ राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि बारिश के कारण राज्य भर में कुल 109 सड़कें अवरुद्ध हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार में गंगा, चमोली में अलकनंदा, मंदाकिनी और पिंडर, उत्तरकाशी में भागीरथी और पिथौरागढ़ जिले में काली, गौड़ी एवं सरयू नदियां उफान पर हैं तथा खतरे के निशान से कुछ ही मीटर नीचे बह रही हैं।

वहीं देश के पूर्वी हिस्से में, भुवनेश्वर के निचले इलाकों में जलभराव जारी है।

भुवनेश्वर नगर निगम आयुक्त राजेश प्रभाकर पाटिल ने लक्ष्मीसागर और बडागड़ा सहित कुछ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और युद्धस्तर पर पानी निकालने का निर्देश दिया। नगर निकाय ने लोगों को बडागड़ा से रसूलगढ़ जाने वाले मार्ग पर नहीं जाने और वैकल्पिक सड़कों का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अच्छी खबर यह है पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों – त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम की बराक घाटी – के लिए ट्रेन सेवाएं शुक्रवार को बहाल कर दी गईं।

दीमा हसाओ जिले में भूस्खलन के कारण एक दिन पहले क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई थीं।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड पर ट्रेन सेवाएं सुबह सफलतापूर्वक बहाल कर दी गईं।

एनएफआर के बयान में कहा गया है कि रात भर लगातार प्रयासों के बाद मलबा साफ कर दिया गया और रेल यातायात बहाल कर दिया गया। बयान में कहा गया है कि फंसे हुए यात्रियों को आवश्यक खाद्य सामग्री और पानी भी उपलब्ध कराया गया।

दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में भारी वर्षा के दौरान पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाड़ों में पानी भरने से रोकने के लिए कर्मचारियों ने तैयारियां बढ़ा दी हैं और प्रमुख बुनियादी ढांचे की मरम्मत शुरू की है।

राष्ट्रीय राजधानी में मानसून के आगमन के साथ ही चिड़ियाघर प्राधिकारियों ने जलभराव की घटनाओं से बचने के लिए अपनी व्यापक मानसून कार्ययोजना लागू कर दी है।

भाषा सुभाष माधव

माधव

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