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Saturday, July 5, 2025

शराब नीति मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आप’ नेताओं से सीबीआई की याचिका पर जवाब मांगा

Newsशराब नीति मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘आप’ नेताओं से सीबीआई की याचिका पर जवाब मांगा

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को 2021-22 शराब नीति मामले में दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर जवाब देने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

आरोपी व्यक्तियों को नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति रवींदर डुडेजा ने कहा कि वह इस मामले पर विस्तृत आदेश पारित करेंगे।

सीबीआई ने निचली अदालत के 22 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें जांच एजेंसी को निर्देश दिया गया था कि यदि एजेंसी सुनवाई में उन पर भरोसा नहीं कर रही है, तो वह गवाहों और अभियुक्तों को भेजे गए अपने सभी नोटिस और लिखित संचार को, प्राप्त जवाबों के अलावा, अप्रमाणित दस्तावेजों की सूची में शामिल करे।

निचली अदालत ने कहा था कि सूची उसके समक्ष दाखिल की जानी चाहिए और दस्तावेजों का निरीक्षण करने के लिए इसकी एक प्रति अभियुक्तों के साथ साझा की जानी चाहिए।

निचली अदालत ने जांच अधिकारी को अन्य मुद्दों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा था।

सीबीआई के वकील ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि निचली अदालत सीबीआई से ऐसे दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए नहीं कह सकती थी, क्योंकि नोटिस जांच की सामग्री थी, साक्ष्य नहीं।

न्यायाधीश ने सीबीआई के वकील से पूछा कि यदि एजेंसी ऐसे विवरण उपलब्ध कराती है तो इससे उसे क्या नुकसान होगा।

अदालत को बताया गया कि इससे भविष्य के सभी मामलों में एक मिसाल कायम होगी तथा कानूनों को फिर से लिखने जैसा होगा।

इसके विपरीत, कुछ आरोपियों की ओर से पेश हुए वकीलों ने दलील दी कि सीबीआई को डर है कि यदि विवरण उपलब्ध करा दिया गया तो उसकी ‘‘सम्पूर्ण दोषपूर्ण जांच’’ उजागर हो जाएगी।

इस मामले में अन्य व्यापारियों के अलावा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल, ‘आप’ नेता सिसोदिया और सिंह तथा बीआरएस नेता के. कविता भी आरोपी हैं।

संघीय जांच एजेंसियों ने शराब आबकारी नीति में संशोधन के दौरान अनियमितताओं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत तक इसे रद्द कर दिया गया था।

धन शोधन का यह मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा मामले की जांच की सिफारिश के बाद दर्ज किए गए सीबीआई के एक मामले के बाद सामने आया है।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

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