मुंबई, चार जुलाई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी की जेन स्ट्रीट मामले में जांच अंतरिम आदेश के बाद भी जारी रहेगी। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सेबी ने अभी तक बैंक निफ्टी के प्रथम दृष्टया 18 दिनों और निफ्टी सूचकांक में ‘एक्सपायरी’ के दिनों में तीन दिनों की हेरफेर की ही जांच की है।
सूत्रों ने कहा कि जांच अब अन्य एक्सपायरी दिनों, अन्य बाजारों पर सौदे सहित अन्य सूचकांकों और अन्य संभावित रुझानों पर केंद्रित होगी।
उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि जांच में कितना समय लगेगा, और कहा कि जांच का दायरा काफी बड़ा है।
बाजार नियामक ने शुक्रवार की सुबह जारी आदेश में न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड जेन स्ट्रीट को नकदी और वायदा एवं विकल्प बाजारों में दांव लगाकर सूचकांकों में हेरफेर करने का दोषी पाया है, ताकि अच्छा मुनाफा कमाया जा सके।
सेबी ने हेज फंड को बाजार तक पहुंचने से निलंबित कर दिया है और 4,843 करोड़ रुपये से अधिक के लाभ को जब्त कर लिया है। जांच में पाया गया कि जनवरी 2023-मई 2025 की जांच अवधि के दौरान जेएस ने शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
सेबी के सूत्रों ने ऐसी प्रतिक्रिया से बचने पर जोर दिया, जहां खुलासे से अधिक विनियमन हो और इसके बजाय उसने बेहतर प्रवर्तन की वकालत की।
उन्होंने कहा, ”मौजूदा विनियमों का बेहतर प्रवर्तन वास्तव में इष्टतम विनियमन का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। दूसरी ओर, अधिक विनियमन खराब प्रवर्तन की भरपाई नहीं कर सकते।”
सूत्रों ने कहा कि नियामक निवेशक सुरक्षा, बाजार स्थिरता और निरंतर पूंजी निर्माण के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से वायदा और विकल्प क्षेत्र की निगरानी करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि खुदरा निवेशकों को होने वाले अधिक नुकसान की ओर इशारा करने वाले अध्ययनों के बाद वायदा-विकल्प खंड पर सेबी की कार्रवाई ने सौदे खत्म होने के दिनों में खुदरा गतिविधि को कुछ हद तक कम कर दिया है।
भाषा पाण्डेय रमण
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