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Saturday, July 5, 2025

‘बाहरी लोगों’ के प्रति भाजपा का झुकाव हरियाणा के निवासियों के अधिकारों को प्रभावित कर रहा: हुड्डा

News‘बाहरी लोगों’ के प्रति भाजपा का झुकाव हरियाणा के निवासियों के अधिकारों को प्रभावित कर रहा: हुड्डा

चंडीगढ़, चार जुलाई (भाषा) कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘बाहरी लोगों’ के प्रति झुकाव हरियाणा के निवासियों के अधिकारों और रोजगार के अवसरों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में आरोप लगाया, ‘‘राज्य स्तर की प्रमुख नियुक्तियों में, भाजपा सरकार ने स्थानीय युवाओं की तुलना में लगातार दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को तरजीह दी है। न केवल सरकारी नौकरियां, बल्कि राज्य के ठेके भी बाहरी लोगों को दिए जा रहे हैं।’’

हुड्डा ने कहा, ‘‘ताजा उदाहरण दूसरे राज्य से तहसीलदार की प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति है।’’ उन्होंने पूछा कि क्या हरियाणा के युवाओं में तहसीलदार, व्याख्याता या ऐसे अन्य पदों पर काम करने की योग्यता नहीं है। क्या हरियाणा में सरकारी काम को अंजाम देने में सक्षम कोई सक्षम ठेकेदार नहीं है? उन्होंने पूछा कि बार-बार ऐसे पदों के लिए ‘बाहरी लोगों’ को तरजीह क्यों दी जा रही है?

कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि हर राज्य के स्थानीय निवासियों का अपने क्षेत्र की नौकरियों पर पहला अधिकार है।

हुड्डा ने आरोप लगाया कि विभिन्न राज्य अपने स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाते हैं, लेकिन हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सरकार स्थानीय नौकरियों को बाहरी लोगों को वितरित करने के लिए सक्रिय रूप से नीतियां बनाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक प्रमुख कारण है कि हरियाणा अब बेरोजगारी दर में देश में सबसे ऊपर है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ दिन पहले सिंचाई विभाग में सहायक अभियंताओं की भर्ती में भी इसी तरह की प्रथा देखी गई थी, जहां सामान्य श्रेणी के 42 पदों में से 28 हरियाणा से बाहर के उम्मीदवारों को दिए गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले भी, बिजली विभाग में एसडीओ (उप मंडल अधिकारी) से लेकर व्याख्याता तक कई भर्तियों में स्थानीय युवाओं को वंचित किया गया।’’

हुड्डा ने आरोप लगाया कि राज्य, खासकर भाजपा शासित राज्य, स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने के लिए कड़े नियम बना रहे हैं, जिसमें भर्ती परीक्षाओं में स्थानीय भाषा और राज्य-विशिष्ट सामान्य ज्ञान पर सवाल बढ़ाना शामिल है, जबकि हरियाणा सरकार ने अपनी परीक्षाओं से ऐसे सवालों को व्यवस्थित तरीके से हटा दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भाजपा ने अपने हरियाणवी विरोधी एजेंडे को तब उजागर किया जब उसने अधिवास नियमों को कमजोर कर दिया, 15 साल के अधिवास की आवश्यकता को घटाकर केवल पांच साल कर दिया। इस बदलाव से बाहरी लोगों के लिए हरियाणा का निवास प्रमाणपत्र हासिल करना काफी आसान हो गया है और वे न केवल सामान्य बल्कि आरक्षित श्रेणी की नौकरियों के लिए भी पात्र हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में ‘सिविल न्यायाधीश’ की भर्ती में 110 में से 60 पद बाहरी लोगों को मिले। इसी तरह तकनीकी शिक्षा विभाग में सामान्य श्रेणी के प्रोफेसर के 153 पदों में से 106 गैर-हरियाणवी उम्मीदवारों से भरे गए। आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती, जो 10 वर्षों से लंबित थी, में सामान्य श्रेणी के 427 पदों में से 394 की सूची जारी की गई और चौंकाने वाली बात यह है कि चयनित लोगों में से 75 प्रतिशत हरियाणा से बाहर के निवासी थे।’’

हुड्डा ने दावा किया कि फरवरी 2021 में आयोजित एसडीओ इलेक्ट्रिकल भर्ती में 90 पदों के लिए 99 लोगों को नियुक्त किया गया था, जिनमें से 77 बाहरी लोग थे, जिससे हरियाणा के उम्मीदवारों के लिए केवल 22 सीट बचीं।

भाषा संतोष माधव

माधव

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