नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्नातक (सीयूईटी-यूजी) के परिणाम शुक्रवार को घोषित होने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपने स्नातक प्रवेश प्रक्रिया के अगले चरण की ‘आगामी सप्ताह’ में शुरुआत करेगा। इसमें अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रमों और कॉलेजों के लिए प्राथमिकताएं भरने की अनुमति दी जाएगी।
शैक्षणिक सत्र एक अगस्त से शुरू होने वाला है। अपने 69 कॉलेजों में 79 स्नातक पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हुए, दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस साल 71,624 सीट उपलब्ध कराई हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक सलाह में कहा गया है, ‘‘दिल्ली विश्वविद्यालय आने वाले सप्ताह में ‘साझा सीट आवंटन प्रणाली’ (सीएसएएस-यूजी) का दूसरा चरण शुरू करेगा।’’ विश्वविद्यालय ने कहा कि इसकी अवधि एक सप्ताह तक सीमित हो सकती है और विद्यार्थियों को आधिकारिक प्रवेश पोर्टल के माध्यम से अद्यतन रहने की सलाह दी गई है।
विश्वविद्यालय ने विषय संयोजनों में अधिक लचीलापन पेश किया है। कई पाठ्यक्रमों में अब या तो एक भाषा और तीन विषय या दो भाषाएं और दो विषय की अनुमति है, और जो भी संयोजन सबसे अच्छा सीयूईटी अंक प्रदान करेगा उसे ही माना जाएगा।
बीएससी (ऑनर्स) के लिए सीयूईटी के भाषा वाले प्रश्नपत्र में कम से कम 30 प्रतिशत अंक की आवश्यकता वाले पिछले नियम को हटा दिया गया है। इस वर्ष एक स्वत: स्वीकार करने वाली एक नयी विशेषता जोड़ी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्वीकृति में देरी के कारण छात्र अपनी आवंटित सीट से न चूकें।
विश्वविद्यालय के अनुसार, सीयूईटी प्रणाली ने छोटे शहरों और विविध स्कूल बोर्डों से अधिक छात्रों को आकर्षित करने में मदद की है, जिससे विश्वविद्यालय के छात्र निकाय की समावेशिता में वृद्धि हुई है।
देश में स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले का जरिया माने जाने वाली सीयूईटी-यूजी में इस साल रिकॉर्ड 13.5 लाख आवेदन आए। सबसे ज्यादा अभ्यर्थी (8.14 लाख) अंग्रेजी विषय के लिए हैं, इसके बाद रसायन विज्ञान के अभ्यर्थियों की संख्या (5.70 लाख) है।
भाषा संतोष पवनेश
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