श्रीनगर, चार जुलाई (भाषा) दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में पिछले साल संसदीय चुनावों के दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता और विधायक वहीद-उर-रहमान पारा द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित एक मामले को कश्मीर की एक अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।
मामले को खारिज करते हुए अवंतीपोरा के अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश मुनीर अहमद भट ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के सिद्धांतों और मामले के तथ्यों के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत अपराध का कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है।
अदालत ने कहा, ‘‘चालान (पुलिस आरोपपत्र) खारिज किया जाता है और आरोपी को रिहा किया जाता है। आरोपी के जमानत बांड और व्यक्तिगत बांड को खारिज किया जाता है। जब्त किए गए दस्तावेज/सामग्री, अगर कोई हो तो उसके वास्तविक मालिक/दावेदार को सौंप दिया जाएगा।’’
श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र से पीडीपी उम्मीदवार पारा ने 27 अप्रैल को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए रोड शो के रूप में एक रैली आयोजित की थी और इसके बाद पुलिस ने लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा करने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत उन पर मामला दर्ज किया था।
आदेश में कहा गया है, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के सिद्धांतों के तहत यह स्पष्ट है कि आईपीसी की धारा 188 के तहत अपराध का संज्ञान केवल सीआरपीसी की धारा 195(1)(ए)(आई) के अनुसार लिया जा सकता है। चूंकि वर्तमान चालान (पुलिस चार्जशीट) लिखित शिकायत के बिना है, इसलिए आईपीसी की धारा 188 के तहत अपराध का कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है।’’
न्यायालय ने कहा कि चुनाव आचार संहिता को किसी भी तरह से भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत आदेश के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।
भाषा यासिर माधव
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