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Saturday, July 5, 2025

कर्नाटक में हाल ही में हुई बाघों की मौतों के मामले में मंत्री ने अधिकारियों के निलंबन की सिफारिश की

Newsकर्नाटक में हाल ही में हुई बाघों की मौतों के मामले में मंत्री ने अधिकारियों के निलंबन की सिफारिश की

बेंगलुरू, चार जुलाई (भाषा) कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांड्रे ने शुक्रवार को माले महादेश्वर (एमएम) पहाड़ियों में पांच बाघों की ‘अप्राकृतिक मौतों’ के संबंध में लापरवाही और कर्तव्य के निर्वहन में उपेक्षा के लिए उप वन संरक्षक (डीसीएफ) वाई चक्रपाणि और तीन अन्य अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

एमएम हिल्स के हुग्याम रेंज में 26 जून को एक मादा बाघिन और उसके चार शावक मृत पाए गए।

खांड्रे ने उनके आचरण की विभागीय जांच की भी सिफारिश की।

अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एक गाय का मालिक भी शामिल है। उसकी गाय के शव पर कथित तौर पर जहर छिड़का गया था जिसे बाघिन और उसके शावकों ने खा लिया था।

खांड्रे का यह निर्णय अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) कुमार पुष्कर की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आया। घटना की जांच के लिए समिति का गठन किया गया था।

मंत्री ने समिति को 10 जुलाई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

खांड्रे के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘बाघों की अप्राकृतिक मौतों में अधिकारियों की लापरवाही और कर्तव्य के प्रति उपेक्षा के स्पष्ट सबूतों के आधार पर मंत्री ने कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग से डीसीएफ वाई चक्रपाणि और तीन अन्य अधिकारियों के निलंबन की सिफारिश की है।’

यह भी आरोप लगाया गया कि पिछले तीन महीनों से अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले अनुबंध कर्मचारियों को उनके वेतन या भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे गश्ती गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो रही है।

खांड्रे के कार्यालय के अनुसार, यद्यपि वेतन भुगतान के लिए धनराशि अप्रैल के अंत तक जारी कर दी गई थी, परन्तु भुगतान जून तक विलंबित रहा।

बयान में कहा गया, ‘समय पर भुगतान सुनिश्चित करने में विफलता, विशेष रूप से डीसीएफ चक्रपाणि द्वारा कर्तव्य की गंभीर उपेक्षा के रूप में देखी जाती है, जिससे गश्ती गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हुई। मंत्री ने उनके निलंबन और विभागीय जांच की सिफारिश की है।’

भाषा शुभम रंजन

रंजन

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