मुंबई, पांच जुलाई (भाषा) कांग्रेस ने हिंदी भाषा विवाद मामले में श्रेय लेने के उद्देश्य से उद्धव और राज ठाकरे द्वारा संयुक्त रैली के आयोजन को लेकर शनिवार को उन पर कटाक्ष किया।
कांग्रेस ने दोनों चचेरे भाइयों को याद दिलाया कि महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का राज्य भर में विभिन्न वर्गों द्वारा विरोध किया गया था।
कांग्रेस ने दोनों चचेरे भाइयों के बीच संभावित राजनीतिक गठबंधन को लेकर भी संशय व्यक्त किया।
महाराष्ट्र के स्कूलों में पहली कक्षा से पांचवी तक हिंदी भाषा को शामिल करने के खिलाफ विरोध के बीच, राज्य मंत्रिमंडल ने 29 जून को त्रि-भाषा नीति के कार्यान्वयन पर दो जीआर (सरकारी आदेश) वापस ले लिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि पहली कक्षा से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने का राज्यव्यापी विरोध हुआ है।
पृथ्वीराज चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे अगर सरकारी आदेश वापस लेने का श्रेय लेते हैं तो यह ठीक है। अगर वे राजनीतिक रूप से एक साथ आते हैं, तो उन्हें हमारी शुभकामनाएं हैं।’’
दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया और ‘आवाज मराठीचा’ नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, ‘‘ अगर ठाकरे परिवार सरकारी आदेश वापस लेने का जश्न मनाना चाहता है तो यह अच्छी बात है।’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी भाषा के संबंध में सरकारी आदेश वापस लिए जाने का जश्न मनाना और दोनों चचेरे भाइयों के बीच संभावित राजनीतिक गठबंधन दो अलग-अलग मुद्दे हैं।
सपकाल ने दावा किया कि उन्होंने विभिन्न वर्गों के 600 लोगों को सरकारी आदेश के विरोध में एकजुट होने के लिए पत्र लिखे थे और शिक्षाविदों तथा मराठी भाषा विशेषज्ञों को शामिल करते हुए कई बैठकें आयोजित की थीं।
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