(तस्वीरों के साथ)
पटना, पांच जुलाई (भाषा) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शनिवार को लोगों से कहा कि जब निर्वाचन अधिकारी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के लिए उनके घर आएं तो वे मतदाता पहचान पत्र के अलावा कोई भी दस्तावेज दिखाने से इनकार कर दें।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 28वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में राबड़ी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में यह बात कही।
बैठक में पार्टी संस्थापक लालू प्रसाद को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का प्रमाण पत्र भी दिया गया। उन्हें राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पुनर्गठन का अधिकार भी दिया गया।
बैठक के दौरान राबड़ी देवी ने आरोप लगाया, ‘‘केंद्र और राज्य की सरकारों ने देश को बिक्री के लिए रख दिया है। अब उन्होंने गरीबों को उनके मताधिकार से वंचित करने की साजिश रची है, जब बिहार विधानसभा चुनाव में तीन महीने से भी कम समय बचा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे राज्य से लोग यहां मौजूद हैं। मैं उन्हें सलाह देती हूं कि वे अपने मतदाता पहचान पत्र के अलावा कोई और दस्तावेज न दिखाएं। जब ऐसा करने के लिए कहा जाए तो मना कर दें।’’
राबड़ी देवी ने कहा कि नए दस्तावेज जमा करने की मांग अनुचित है।
बिहार विधानपरिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी ने पूछा, ‘‘अधिकारी चाहते हैं कि लोग अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र दिखाएं। जिस व्यक्ति के परिवार के सभी सदस्य बहुत पहले गुजर गये होंगे, वह पहचान का ऐसा प्रमाण कैसे ला पाएगा?’’
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी बार गहन पुनरीक्षण 20 साल से अधिक समय पहले हुआ था। ग्यारह साल से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में हैं और अब तक इस अभ्यास की कोई जरूरत महसूस नहीं की गई और अचानक वे इसे एक महीने में पूरा करना चाहते हैं।’’
राज्य की राजधानी स्थित विशाल बापू सभागार में आयोजित बैठक में हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव सहित अन्य शीर्ष नेता भी शामिल हुए।
भाषा शफीक राजकुमार
राजकुमार