रामबन/जम्मू पांच जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शनिवार को ब्रेक फेल होने के कारण एक बस के चार खड़ी बसों में टक्कर मार देने से अमरनाथ यात्रा पर जा रहे विभिन्न राज्यों के कम से कम 36 श्रद्धालु मामूली रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि ये बसें जम्मू के भगवती नगर से दक्षिण कश्मीर के पहलगाम आधार शिविर की ओर जा रहे काफिले का हिस्सा थीं।
सभी घायल व्यक्ति रामबन जिला अस्पताल में उपचार के बाद फिर से यात्रा में शामिल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब आठ बजे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंद्रकूट के पास हुई।
उन्होंने बताया कि यह दुर्घटना एक बस के ब्रेक फेल होने के कारण हुई।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक बयान में कहा, ‘चंद्रकूट में उस वक्त एक छोटी दुर्घटना हुई, जब पहलगाम जाने वाला एक वाहन ब्रेक फेल होने के कारण अन्य खड़े वाहनों से टकरा गया।’
उन्होंने कहा कि इस घटना में 36 तीर्थयात्रियों को मामूली चोटें आईं।
बयान में कहा गया कि प्रारंभिक उपचार के बाद तीर्थयात्रियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्होंने यात्रा फिर से शुरू कर दी।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी भक्त सुरक्षित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता सभी तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है। संबंधित अधिकारियों को अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के वाहनों के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय लागू करने और सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा जांच सुनिश्चित करने एवं यात्रा मार्ग पर भोजन और दवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।’
इससे पहले उपराज्यपाल ने जम्मू संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान से बात की और उन्हें घायल तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा।
राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि सिन्हा ने वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क रहने तथा तीर्थयात्रियों की परेशानी-मुक्त यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा है।
उपराज्यपाल ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की।
इससे पहले रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान ने बताया, ‘‘काफिले की आखिरी बस पर से चालक ने नियंत्रण खो दिया और बस ने चंद्रकूट लंगर स्थल पर खड़े वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे चार वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और 36 यात्री मामूली रूप से घायल हो गए।’’
उन्होंने बताया कि वहां मौजूद अधिकारियों ने घायलों को रामबन जिला अस्पताल पहुंचाया।
पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी घायलों के उपचार की निगरानी के लिए अस्पताल पहुंचे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अच्छी देखभाल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने बताया, ‘‘यात्रियों को आगे की यात्रा के लिए अन्य वाहनों में स्थानांतरित कर दिया गया।’’
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सड़क दुर्घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद रामबन के उपायुक्त से बात की।
सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘चिंता का कोई कारण नहीं है। तीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं और प्रशासन द्वारा लगातार उन पर निगरानी रखी जा रही है।’
रामबन के चिकित्सा अधीक्षक सुदर्शन सिंह कटोच ने बताया कि घायल तीर्थयात्रियों में से 10 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि बाकी को आवश्यक जांच के बाद छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘तीर्थयात्रियों द्वारा तीर्थयात्रा जारी रखने की इच्छा व्यक्त करने के बाद जिला प्रशासन ने पहलगाम तक उनकी आगे की यात्रा के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की।’
अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त बसों को बदलने के बाद काफिले को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक, 6,979 तीर्थयात्रियों का चौथा जत्था दो अलग-अलग काफिलों में तड़के साढ़े तीन बजे से चार बजकर पांच मिनट के बीच भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ था।
चौथे जत्थे में 5,196 पुरुष, 1,427 महिलाएं, 24 बच्चे, 331 साधु और साध्वी तथा एक ट्रांसजेंडर शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि 4,226 तीर्थयात्री 161 वाहनों में सवार होकर 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से नुनवान आधार शिविर के लिए रवाना हुए, जबकि 2,753 तीर्थयात्री 151 वाहनों में सवार होकर 14 किलोमीटर लंबे, लेकिन अधिक ढलान वाले बालटाल मार्ग से रवाना हुए।
इस बीच केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रवक्ता ने बताया कि घायल तीर्थयात्री मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले थे।
उन्होंने बताया कि रामबन जिला प्रशासन के साथ सीआरपीएफ की 84वीं बटालियन की मोबाइल मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंची, तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की तथा घायल तीर्थयात्रियों को निकालने में मदद की।
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश