(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) दिल्ली सरकार बच्चों, कामकाजी वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों पर केंद्रित एक विशेष मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। यह कार्यक्रम चार स्तरीय मॉडल पर आधारित होगा, जिसमें ‘टेली-कंसल्टेशन’, ‘काउंसलिंग’ और बहिरंग मरीज विभाग (ओपीडी) में देखभाल और रेफरल प्रणाली शामिल होगी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि विभिन्न आयु समूहों में तनाव और चिंता के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए आयुष के तहत एक व्यापक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम सभी उम्र के लोगों की मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल (जिसका उद्देश्य समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है) तीन प्रमुख जनसंख्या समूहों पर ध्यान केंद्रित करेगी जिसमें बच्चे, कामकाजी वर्ग और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि यह सेवा सुलभ होगी और आयुर्वेद, होम्योपैथी तथा यूनानी सहित चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि यह आयुष के तहत मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित पहली पहल होगी और यह लोगों को हर स्तर पर मदद करेगी जिसमें टेलीफोन पर परामर्श, प्रत्यक्ष परामर्श और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में देखभाल की सुविधा शामिल है।
मंत्री ने कहा कि बहुत से लोग मानसिक तनाव के बारे में बताने में संकोच करते हैं, लेकिन इस मंच के माध्यम से वे गुमनाम रूप से बिना किसी डर के मदद ले सकते हैं।
यह कार्यक्रम चार-स्तरीय ढांचे के तहत संचालित होगा जिसकी शुरुआत टेलीफोन पर परामर्श देने से होगी और इसके बाद मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग प्रदान की जाएगी। तीसरे चरण में आयुष अस्पतालों में ओपीडी देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को विशेष मनोचिकित्सकीय हस्तक्षेप के लिए अंतिम चरण में रेफरल किया जाएगा।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब स्कूली बच्चों में तनाव के मामले बढ़ रहे हैं और कुछ बच्चों में आक्रामकता और चिंता के संकेत दिख रहे हैं। इसके अलावा काम करने वाले पेशेवरों पर उच्च दबाव वाले लक्ष्यों का बोझ है और उनके कार्य और जीवन के बीच संतुलन का अभाव है।
इसी तरह जो महिलाएं घर और कार्यस्थल, दोनों जगह की जिम्मेदारियों को उठाती हैं उन्हें भी इस समूह के भीतर शामिल किया जाएगा। बुजुर्गों को भी अलगाव और अन्य उम्र संबंधित मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
योजना के तहत, लोग एक समर्पित हेल्पलाइन पर फोन कर सकते हैं और एक काउंसलर के साथ बात करने के लिए समय मांग सकते हैं।
यदि काउंसलर को लगता है कि व्यक्तिगत रूप से मदद की आवश्यकता है, तो मामले को आयुष अस्पतालों में ओपीडी के लिए भेजा जाएगा।
वर्तमान में दिल्ली में ऐसे चार शिक्षण अस्पताल हैं जो करोल बाग, डिफेंस कॉलोनी, नजफगढ़ और नानक पुरा में स्थित हैं।
भाषा संतोष पवनेश
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