बेंगलुरु, पांच जुलाई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने शनिवार को कानून एवं विधायी कार्य मंत्री एच के पाटिल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति का गठन किया, जो ‘अवैध खनन’ के मुद्दे की जांच करेगी और उचित कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
उपसमिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। इसमें गृह मंत्री जी परमेश्वर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के एच मुनियप्पा, समाज कल्याण मंत्री एच सी महादेवप्पा, वन मंत्री ईश्वर खंड्रे और खान एवं भूविज्ञान मंत्री एस एस मल्लिकार्जुन शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता वाले राज्य मंत्रिमंडल ने दो जुलाई को अपनी बैठक के दौरान उपसमिति के गठन का फैसला किया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘खनन में अनियमितताओं, विशेष रूप से रिकवरी कमिश्नर की नियुक्ति और मामलों के त्वरित निपटान के लिए त्वरित अदालत की स्थापना के संबंध में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने और उचित सिफारिशें करने के लिए कैबिनेट की एक उपसमिति गठित की गई है।’’
यह निर्णय तब लिया गया, जब पाटिल ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर ‘अवैध खनन मामलों को उनके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने’ में सरकार की निष्क्रियता को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दोषियों को दंडित किया जाए और राज्य की खोई हुई संपत्ति को बरामद किया जाए।
अपने सात पन्नों के पत्र में पाटिल ने बताया कि साल 2007 और 2011 के बीच कथित तौर पर हुए अवैध खनन से संबंधित केवल 7.6 प्रतिशत मामलों की ही अब तक जांच की गई है। उन्होंने दावा किया कि इससे राज्य के खजाने को 1.5 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ।
भाषा संतोष दिलीप
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