नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) लंबी गर्दन और गुलाबी-सफेद पंखों वाला ग्रेटर फ्लेमिंगो (राजहंस) तथा अपनी विशिष्ट आवाज के लिए प्रसिद्ध भारतीय पिट्टा, इस ग्रीष्म ऋतु में राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार नजर आये 21 पक्षियों (प्रजातियों) में शामिल हैं।
‘दिल्ली बर्ड एटलस’ के भाग के रूप में यहां 160 से अधिक पक्षी प्रजातियां दर्ज की गयी हैं जिनमें लुप्तप्राय और प्रवासी प्रजातियां भी शामिल हैं।
एक बयान के अनुसार, एटलस के ग्रीष्मकालीन चरण में 21 पक्षी(प्रजातियां) पहली बार नजर आये जबकि ‘ईबर्ड प्लेटफॉर्म’ पर 600 से अधिक पक्षियों को अपलोड किया गया, जो शीतकालीन में दर्ज की गयी संख्या से अधिक है।
यह वन्यजीव एसओएस और दिल्ली वन एवं वन्यजीव विभाग द्वारा समर्थित एक अग्रणी नागरिक विज्ञान पहल है।
ग्रेटर फ्लेमिंगो (फोनीकोप्टेरस रोजस), ब्लैक बिटर्न (इक्सोब्रीचस फ्लेविकोलिस), बोनेली ईगल (एक्विला फैसिआटा) और इंडियन पिट्टा (पिट्टा ब्रैच्युरा) पहली बार देखे जाने वाले पक्षियों में शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना के लिए दिल्ली को 145 अवलोकन क्षेत्रों में विभाजित किया गया था जिसका उद्देश्य विभिन्न मौसमों में पक्षियों के वितरण पैटर्न की दीर्घकालिक समझ पैदा करना है।
मुख्य वन्यजीव वार्डन श्याम सुंदर कांडपाल ने कहा कि ‘दिल्ली बर्ड एटलस’ सिर्फ़ एक वैज्ञानिक पहल नहीं है, बल्कि लोगों को प्रकृति से फिर से जोड़ने और राजधानी के लिए डेटा-समर्थित संरक्षण रणनीति बनाने के लिए एक ‘समुदाय-संचालित प्रयास’ है।
यह पहल घायल या संकटग्रस्त पक्षियों को खोजने और रिपोर्ट करने में नागरिकों की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है, जिससे अक्सर बचाव अभियान शुरू होते हैं।
भाषा राजकुमार माधव
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