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Sunday, July 6, 2025

टिपरासा समझौते के क्रियान्वयन के विषय पर इस माह के अंततक होगी अमित शाह के साथ बैठक प्रद्योत

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अगरतला, पांच जुलाई (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा ने शनिवार को कहा कि इस महीने के अंत में टिपरासा समझौते के कार्यान्वयन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक होगी।

यह बयान पार्टी विधायक राजित देबबर्मा द्वारा पिछले साल केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ मूल लोगों के विकास के लिए किए गए टिपरासा समझौते के कार्यान्वयन में देरी को लेकर राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से बाहर निकलने की धमकी देने के कुछ घंटों बाद आया है।

प्रद्योत देबबर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे हमारे विधायक रंजीत देबबर्मा द्वारा दिए गए बयान के बारे में नहीं पता है, लेकिन मैं उनसे जरूर बात करूंगा। आज, मैंने मुख्यमंत्री माणिक साहा से बात की और मैंने उन्हें बताया कि टिपरासा समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए 18 महीने हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर विधायक देबबर्मा सरकार से समर्थन वापस लेने की बात करते हैं, तो यह हताशा के कारण होगा क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक हताशा और असुरक्षा की भावना फैल गयी है।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मूल लोगों की भावनाओं को उचित महत्व देते हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि वह टीएमपी की चिंताओं को सही मंच पर उठाएंगे।

प्रद्योत ने कहा, ‘टिपरासा समझौते के क्रियान्वयन पर इस महीने के अंत में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। चूंकि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है, इसलिए हमें उसका इंतजार करना चाहिए।’’

अवैध अप्रवास पर चिंता जताते हुए टीएमपी प्रमुख ने दावा किया कि बांग्लादेश से लोग अब भी राज्य में आ रहे हैं और यहां बसने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है।

इससे पहले, रंजीत देबबर्मा ने कहा कि पार्टी टिपरासा समझौते के संबंध में वादे पूरे नहीं करने के कारण माणिक साहा सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए तैयार है।

अगर टीएमपी समर्थन वापस ले भी लेती है, तो भी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार आराम से सत्ता में रहेगी क्योंकि 60 सदस्यीय सदन में उसके पास 33 विधायक हैं। इसके अलावा उसे आईपीएफटी विधायक का भी समर्थन प्राप्त है।

टीएमपी के पास 13 विधायक हैं, जबकि विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पास 10 और कांग्रेस के पास तीन विधायक हैं।

भाषा

राजकुमार रंजन

रंजन

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