नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) वाहन कलपुर्जों पर शुल्क लगाने के मामले में अमेरिका पर जवाबी शुल्क लगाने के अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने का भारत का निर्णय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सुरक्षा उपायों पर समझौते के तहत एक प्रक्रियात्मक कदम है और इससे दोनों देशों के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत प्रभावित नहीं होगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारत ने शुक्रवार को सुरक्षा उपायों के नाम पर देश के वाहन कलपुर्जा आयात पर अमेरिकी शुल्क को लेकर डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के मानदंडों के तहत अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा।
भारत के अनुरोध पर प्रसारित डब्ल्यूटीओ की एक अधिसूचना के अनुसार, रियायतों या अन्य दायित्वों के प्रस्तावित निलंबन का रूप अमेरिका में उत्पन्न होने वाले चुनिंदा उत्पादों पर शुल्क में वृद्धि के रूप में होगा।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “डब्ल्यूटीओ में अधिसूचना, सुरक्षा समझौते के प्रावधानों के अनुसार भारत के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए एक आवश्यक कदम है और यह किसी भी तरह से भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण या उसके बाद के चरणों को अंतिम रूप देने के लिए चल रही चर्चाओं, विचार-विमर्श, वार्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है।”
दोनों देशों ने इस साल शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) तक बीटीए के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस समझौते का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक मौजूदा 191 अरब डॉलर से दोगुना करके 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
भारत और अमेरिका, दोनों ही डब्ल्यूटीओ में सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षरकर्ता हैं, जो डब्ल्यूटीओ के किसी सदस्य को अपने आयात पर सुरक्षा उपाय लागू करने वाले किसी अन्य सदस्य को शुल्क रियायतें निलंबित करने का अधिकार देता है।
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