नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक संस्थान और ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने चरम वातावरण में मानव प्रदर्शन से संबंधित बायोमेडिकल उपकरणों के क्षेत्र में उन्नत अनुसंधान और ‘क्लिनिकल परीक्षण’ के लिए आपस में समझौता किया है।
अधिकारियों ने बताया कि डीआरडीओ और एम्स-ऋषिकेश के बीच सहयोग से मानव प्रदर्शन पर चरम वातावरण के ‘प्रभावों के शमन’ के लिए उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों के विकास में मदद मिलेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ के रक्षा फिजियोलॉजी एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (डीआईपीएएस) ने ‘चरम वातावरण में मानव प्रदर्शन से संबंधित बायोमेडिकल उपकरणों के क्षेत्र में और चरम वातावरण में मानव प्रदर्शन से संबंधित पूरक क्षेत्र में क्लिनिकल परीक्षण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
उन्होंने कहा कि यह सहयोगात्मक प्रयास मानव प्रदर्शन पर चरम वातावरण के प्रभावों के शमन के लिए उत्पादों, प्रौद्योगिकियों और रणनीतियों के निर्माण और विकास की सुविधा प्रदान करेगा।
डीआरडीओ ने शुक्रवार देर रात एक पोस्ट में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं।
भाषा संतोष माधव
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