नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) आगामी जनगणना की तैयारी के लिए भारत के महापंजीयक (आरजीआई) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनगणना संचालन निदेशकों का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों को आगे की रूपरेखा के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिसमें ‘डिजिटल इंटरफेस’, प्रश्नावली और टीम गठन कार्यों के बारे में जानकारी दी गई।
आरजीआई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जनगणना कार्य निदेशकों का दो दिवसीय सम्मेलन चार जुलाई, 2025 को संपन्न हुआ, जिसमें 2027 की जनगणना की तैयारियों पर चर्चा हुई। आरजीएंडसीसीआई (भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त) ने सभी से इस अंतर्दृष्टि को आगे बढ़ाने और जाति आधारित गणना के साथ व्यापक जनसंख्या जनगणना के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।’’
आरजीआई सभी हितधारकों के वास्ते प्रक्रिया के बारे में वास्तविक समय पर अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक ‘डिजिटल इंटरफेस’ बनाएगा।
मकान सूचीकरण कार्य एक अप्रैल, 2026 से शुरू होगा, जो जनगणना कवायद का पहला चरण होगा।
जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में (मकान सूचीकरण अभियान)प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा।
भारत के महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाल में भेजे गए पत्र के अनुसार, एक फरवरी, 2027 से शुरू होने वाले दूसरे चरण (जनसंख्या गणना) में प्रत्येक घर के प्रत्येक सदस्य का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा।
आगामी जनगणना, शुरुआत से अब तक की 16वीं और आजादी के बाद आठवीं जनगणना है। जनगणना के दौरान जाति आधारित गणना भी की जाएगी।
पहली बार, आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्वयं गणना करने का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग 36 प्रश्न तैयार किये थे।
सर्वेक्षण में घरों से फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टेलीविजन, ट्रांजिस्टर) आदि के स्वामित्व के बारे में पूछा जाएगा।
भाषा
देवेंद्र माधव
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