मुंबई, पांच जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच समर्थकों को शनिवार को निवेशक सुशील केडिया के यहां वर्ली स्थित कार्यालय पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
इसके पहले केडिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मराठी न सीखने के बारे में लिखते हुए राज ठाकरे को चेतवावनी दी कि ‘‘क्या करना है बोल?’, जिसके बाद यह हमला किया गया।
हमले के कुछ घंटों बाद केडिया ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के लिए माफी मांगी और कहा कि उन्होंने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। केडिया ने ठाकरे की सराहना भी की।
केडिया ने कहा कि उन्होंने दबाव और तनाव के कारण गलत मानसिक स्थिति में पोस्ट अपलोड किया था और अपनी गलती का एहसास होने के बाद वे इसे स्पष्ट रूप से सुधारना चाहते थे।
केडिया ने कहा, ‘मराठी न जानने वालों पर की गई हिंसा से मानसिक रूप से दबाव में आकर मैंने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त की।’’
उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनको अपनी अति-प्रतिक्रिया वापस लेनी चाहिए और पीछे हट जाना चाहिए।
अपने माफीनामे वाले वीडियो में केडिया ने कहा, ‘‘मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी एक मूल मराठी व्यक्ति के पास जो दक्षता और प्रवाह हो सकता है, वह हम हासिल नहीं कर पाएंगे। किसी भी शर्मिंदगी या भ्रम से बचने के लिए हम मराठी भाषा का इस्तेमाल केवल कम औपचारिक परिस्थितियों और अनौपचारिक माहौल में ही अपने बहुत नजदीकी लोगों के सामने करते हैं।’’
केडिया ने कहा, ‘‘ समय के साथ मैं जिन अन्य सात भारतीय भाषाओं को सीख सका उनके इस्तेमाल में मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ है।’’
केडिया ने कहा कि मजबूत मुद्दों को उठाने, हनुमान चालीसा अभियान (जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे) जैसे मामलों में मजबूती के साथ खड़े रहने, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मामले को उठाने के लिए उनके मन में राज ठाकरे के प्रति सराहना और कृतज्ञता की भावना है।
केडिया शुक्रवार को राज ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी मनसे के निशाने पर आ गए।
राज्य के स्कूलों में हिंदी और त्रिभाषा नीति को ‘थोपने’ से जुड़े विवाद के बाद मराठी का उपयोग न करने पर लोगों की पिटाई की कुछ घटनाओं के बाद, केडिया ने ठाकरे को निशाना बनाते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपना गुस्सा व्यक्त किया था।
केडिया ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘मैं मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के साथ मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुस की देखभाल करने का दिखावा करने की अनुमति दी जाती है, मैं प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं मराठी नहीं सीखूंगा। क्या करना है बोल?’’
मनसे समर्थकों ने ठाकरे और मराठी के समर्थन में नारे लगाते हुए सुबह केडिया के कार्यालय के कांच के दरवाजे पर नारियल फेंके। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया।
वीडियो में घटनास्थल पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हमले को विफल करने का प्रयास करते हुए देखा गया, जबकि कार्यालय के कर्मचारी नारियल से बचने के लिए शटर गिराने का प्रयास कर रहे थे।
वर्ली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि हमले के सिलसिले में पांच मनसे समर्थकों को गिरफ्तार किया है और घटना की जांच जारी है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘उन्हें पूछताछ और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस थाने लाया गया है।’’
इसके बाद पुलिस ने सेंचुरी बाजार स्थित केडिया के कार्यालय को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की थी।
इस बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने इस घटना को लेकर मनसे की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मनसे मराठी का समर्थन करती है, लेकिन संविधान विरोधी तरीकों का इस्तेमाल करती है।
अठावले ने कहा, ‘‘मनसे का रुख यह है कि अगर आप मराठी नहीं बोलेंगे तो आपको थप्पड़ मारे जाएंगे। यह असंवैधानिक है। मराठी के नाम पर धमकाना ठीक नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मराठी के मुद्दे पर आपके (मनसे) साथ हैं, लेकिन हिंदी के मुद्दे पर उनके (भाजपा) साथ हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मराठी पर जोर देना सही है, लेकिन छह साल के बच्चों को पहली कक्षा से हिंदी पढ़ाना सही नहीं है।
भाषा संतोष माधव
माधव