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पटना, पांच जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को बिहार के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर आगामी विधानसभा चुनाव में गरीबों को उनके वोट के अधिकार से वंचित करने की ‘साजिश’ का आरोप लगाते हुए उसका डटकर ‘सामना’ करने का संकल्प लिया।
युवा नेता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जो पार्टी के 28वें स्थापना दिवस पर आयोजित की गई थी।
बैठक में औपचारिक रूप से उनके पिता लालू प्रसाद को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के स्पष्ट संदर्भ में कहा, ‘‘लालू जी ने हमेशा कहा है कि वोट के अधिकार का मतलब है कि कमजोरों को सशक्त बनाया जाएगा, लेकिन वोट के अधिकार के खिलाफ एक साजिश है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़ने या हटाने के किसी भी प्रयास को विफल करना चाहिए। हम सभी को नौ जुलाई को पूरी ताकत से सरकार का सामना करना चाहिए, जब हमारे वामपंथी सहयोगियों से जुड़े श्रमिक संघों द्वारा देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। बिहार में हमने मतदाता सूची संशोधन को उन मुद्दों में शामिल किया है, जिन पर चक्का जाम किया जाएगा।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सत्ता में रहते हुए ‘जंगल राज’ के लिए राजद को दोषी ठहराए जाने पर नाराजगी जताई और शुक्रवार रात को शीर्ष उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या जैसी घटनाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि राजग शासन में भी कानून-व्यवस्था खराब है।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि समय-समय पर बिहार आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास भी अपनी रैलियों में हमारी पार्टी को गाली देने के अलावा कुछ नहीं होता। उनकी रैलियां भाजपा द्वारा आयोजित नहीं की जाती हैं, बल्कि सरकारी कार्यक्रम होते हैं। इसलिए, करदाताओं का पैसा लालू जी और राजद के खिलाफ उनके भाषणों पर बर्बाद किया जाता है।’’
यादव ने मीडिया पर पक्षपातपूर्ण मीडिया कवरेज का आरोप लगाते हुए दावा किया, ‘‘जब हम सत्ता में थे, तो छोटी-छोटी घटनाओं को भी अखबारों के पहले पन्ने पर दिखाया जाता था। आज, बड़े अपराधों की भी उस तरह से रिपोर्टिंग नहीं की जाती।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हाल में, हमने अपनी पार्टी के लिए एक सशुल्क विज्ञापन के लिए एक अखबार से संपर्क किया था। हालात इतने खराब हो गए हैं कि उन्होंने तब तक इसे प्रकाशित करने से इनकार कर दिया जब तक कि हम ‘संघी’ शब्द और आरएसएस के अन्य संदर्भों को हटाने के लिए सहमत नहीं हुए।’’
जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए राजद नेता ने कहा, ‘‘मैं उनके मानसिक स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हूं, मैं उन्हें बचपन से जानता हूं। हो सकता है कि वह हमारे साथ गठबंधन के दौरान जिस बुरी प्रेस का सामना कर रहे थे, उससे छुटकारा पाकर खुश हों।’’
यादव ने कहा, ‘‘लेकिन, भाजपा ने अपने दांत दिखा दिए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि चुनाव तक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहेंगे और समय तय करेगा कि अगला कौन होगा। इस रहस्यमयी बयान का मतलब किसी से छिपा नहीं है।
बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार समझे जाने वाले यादव ने राजद कार्यकर्ताओं से अपील की, ‘‘मुझे अपनी कड़ी मेहनत के तीन-चार महीने दीजिए। मैं ब्याज के साथ लौटा दूंगा। तब तक, झगड़ा छोड़ दीजिए, नेतृत्व के निर्देशों का पालन कीजिए, लोगों को हमारे वादों के बारे में बताइए और चापलूसी करके अपना रास्ता बनाने की कोशिश करने के बजाय जनता के बीच समय बिताइए।’’
भाषा
राजकुमार सुरेश
सुरेश