भोपाल, पांच जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के नेताओं के बीच अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर शनिवार को तीखी बहस हुई।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस तरह के आरक्षण के क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न करने वाली कानूनी जटिलताओं के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया, जबकि विपक्षी दल ने कहा कि उसे इस मुद्दे पर बुंदेलखंड क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।
यह घटनाक्रम राज्य में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के एक दिन बाद हुआ।
मध्यप्रदेश की लगभग 49 प्रतिशत आबादी ओबीसी समुदाय की है। वर्ष 2003 से भाजपा के सभी मुख्यमंत्री इसी वर्ग से हैं।
सत्तारूढ़ भाजपा ने कांग्रेस पर राज्य में शीर्ष पद पर नियुक्तियों के मामले में ओबीसी समुदाय को उनका हक नहीं देने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा पर 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा लागू करने का दबाव बनाने के लिए कांग्रेस राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।
पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ओबीसी को धोखा दिया है और इस कोटा के कार्यान्वयन को रोकने के लिए कानूनी टीमों पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने दावा किया कि शीर्ष अदालत में मामले की लगभग 70 और मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में 20 सुनवाई हो चुकी हैं।
पटवारी और सिंघार ने कहा कि पार्टी दो दिनों के भीतर ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर चरणबद्ध विरोध शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि जाति जनगणना कांग्रेस और राहुल गांधी के ओबीसी को सशक्त बनाने के मिशन का हिस्सा है। दोनों नेताओं ने कहा कि ओबीसी समुदाय को यह सोचना चाहिए कि कौन सी राजनीतिक पार्टी वास्तव में उनके कल्याण के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री यादव ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत कोटा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस ने बिना उचित आधार या डेटा के इस तरह के कदम की घोषणा की, जिससे कानूनी जटिलताएं पैदा हुईं।
यादव ने कहा, ‘हमारी सरकार तथ्यात्मक आंकड़ों के आधार पर विधानसभा में विधेयक लाएगी। हम 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस जाति जनगणना का श्रेय भी लेना चाहती है, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही इस प्रक्रिया की शुरुआत की है। कांग्रेस दशकों तक सत्ता में रही, लेकिन उसने कभी इस तरह की कवायद नहीं की।’
भाषा
दिमो, रवि कांत
रवि कांत