(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, पांच जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में शनिवार को श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को खींचा और रथ वापसी का उत्सव धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया।
श्रद्धालु पूर्वी मेदिनीपुर जिले के तटीय शहर दीघा में एकत्र हुए, जहां नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा उत्सव पहली बार मनाया गया।
कोलकाता से लगभग 200 किमी दूर दीघा में रथों को ‘मासिर बारी’ (तीनों देवी-देवताओं की मौसी के घर) से नए जगन्नाथ मंदिर तक खींचा गया और इस दौरान 750 मीटर का रास्ता तय किया गया।
कोलकाता में पार्क स्ट्रीट-जेएल नेहरू रोड क्रॉसिंग, मौलाली, पार्क सर्कस 7 प्वाइंट, शेक्सपीयर सारनी, हंगरफोर्ड स्ट्रीट, इस्कॉन मंदिर में हजारों लोग एकत्र हुए और जब रथ खींचे जा रहे थे तो भक्त ‘हरे कृष्ण’ और ‘जय जगन्नाथ’ की धुन पर नृत्य कर रहे थे।
इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी) द्वारा आयोजित धार्मिक शोभायात्रा में रथों को खींचने के दौरान लोगों में रस्सियों को छूने की होड़ मच गई।
नादिया जिले के मायापुर में स्थित इस्कॉन के वैश्विक मुख्यालय में रथ वापसी यात्रा निकाली गई, जहां हजारों भक्त पहुंचे। महानगर के विभिन्न हिस्सों और राज्य के अन्य स्थानों पर भी धार्मिक संगठनों द्वारा रथ खींचे गए और कई घरों में भी रथ खींचे गए, जहां वर्षों से पारंपरिक रूप से प्रतिमाओं की पूजा की जाती रही है।
ढोल की थाप के बीच महेश (हुगली जिला), महिसादल (पूर्व मेदिनीपुर), बेलघरिया (उत्तर 24 परगना) के रथतला, बागबाजार (कोलकाता), जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, इंग्लिश बाजार (मालदा) और राज्य के अन्य हिस्सों में 27 जून को रथयात्रा के नौ दिन बाद आयोजित होने वाले रथ वापसी उत्सव पर फूलों से सजे रथ निकाले गए।
भाषा संतोष सुरेश
सुरेश