ब्यूनस आयर्स, पांच जुलाई (भाषा) भारत और अर्जेंटीना ने द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने तथा रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, औषधि, ऊर्जा और खनन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर शनिवार को सहमति जतायी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों स्वाभाविक साझेदारों के बीच संबंधों को ‘‘और अधिक ऊंचाइयों’’ पर ले जाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने पांच देशों की अपनी यात्रा के तीसरे चरण में दक्षिण अमेरिकी देश पहुंचने के एक दिन बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत की।
वैसे तो मोदी ने 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अर्जेंटीना की यात्रा की थी, लेकिन 57 साल के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह दक्षिण अमेरिकी देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत को मजबूत समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति मिलेई को धन्यवाद दिया तथा इस कठिन समय में अर्जेंटीना की एकजुटता की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने मिलेई के साथ अपनी बैठक को ‘उत्कृष्ट’ बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हम भारत-अर्जेंटीना राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने और अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के पांच वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन हम इस बात पर सहमत हैं कि आगे की यात्रा और भी अधिक आशाजनक है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स और खेल जैसे क्षेत्रों में भी भारत-अर्जेंटीना सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अर्जेंटीना स्वाभाविक साझेदार हैं तथा दोनों पक्षों को इसका उपयोग सहयोग को ‘‘और अधिक ऊंचाइयों’’ पर ले जाने के लिए करना चाहिए।
महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों का संकल्प महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत चीन पर निर्भरता कम करने के लिए दुर्लभ खनिजों की नियमित आपूर्ति पर विचार कर रहा है।
कुमारन ने कहा कि अर्जेंटीना में लिथियम, तांबा और दुर्लभ पृथ्वी खनिज सहित महत्वपूर्ण खनिजों के प्रचुर भंडार भारत की स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सुरक्षित और टिकाऊ संसाधनों की आवश्यकता के अनुरूप हैं।
मोदी और मिलेई ने ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया। कुमारन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने भारत की बढ़ती ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि अर्जेंटीना भारत की विकास यात्रा में सहायता करने के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में काम कर सकता है।’ उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े शेल गैस और चौथे सबसे बड़े शेल तेल भंडार के साथ-साथ पर्याप्त पारंपरिक तेल और गैस भंडार के साथ अर्जेंटीना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा भागीदार बनने की मजबूत क्षमता रखता है।
कुमारन ने कहा कि दोनों नेताओं ने रक्षा एवं सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, खनन एवं खनिज संसाधनों, कृषि, हरित ऊर्जा, संचार प्रौद्योगिकी, डिजिटल नवाचार, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। मोदी और मिलेई ने एक-दूसरे के कृषि एवं डेयरी उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘दोनों नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में भी रुचि व्यक्त की। उन्होंने महसूस किया कि वे सहयोग बढ़ाने तथा पारस्परिक रणनीतिक हितों में योगदान देने के लिए अपने-अपने अनुभवों और क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं।’
कुमारन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहते हुए भारत-एमईआरसीओएसयूआर व्यापार समझौते के विस्तार में अर्जेंटीना का समर्थन मांगा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध भी गहरे हो सकते हैं।
तरजीही व्यापार समझौते (पीटीए) का उद्देश्य भारत और एमईआरसीओएसयूआर समूह के बीच आर्थिक संबंधों का विस्तार करना है, जिसमें अर्जेंटीना, ब्राजील, पैराग्वे और उरुग्वे शामिल हैं।
मोदी और मिलेई ने एक-दूसरे के बाजारों में कृषि उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और संबंधित अधिकारियों को कृषि पर एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने के निर्देश जारी किए।
फरवरी 2019 में अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।
दोनों पक्ष व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिज, तेल और गैस, परमाणु ऊर्जा, कृषि, संस्कृति और प्रौद्योगिकी जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।
भारत और अर्जेंटीना के बीच खनिज संसाधन क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग है, विशेष रूप से लिथियम में।
अगस्त 2022 में खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौता ज्ञापन के ढांचे के तहत गठित संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक जनवरी में हुई थी।
भारत-अर्जेंटीना द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आई है। वर्ष 2019 से 2022 तक तीन वर्षों में व्यापार की मात्रा दोगुनी से अधिक हो गई।
भाषा अमित सुरेश
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