ठाणे, छह जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक परिवार को ‘बुरी आत्माओं’ से मुक्ति दिलाने के नाम पर उससे 2.7 लाख रुपये नकद और सोने के आभूषणों की ठगी करने के आरोप में एक स्वयंभू बाबा को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मीरा रोड स्थित काशीगांव की 45 वर्षीय महिला ने इस संबंध में एक जुलाई 2025 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस उपायुक्त प्रकाश गायकवाड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि अप्रैल में आरोपी सुशील कुमार पाटीदास उर्फ अयोध्याप्रसाद गिरि उनके घर के सामने वाले मकान में रहने आया।
अधिकारी ने बताया कि उसने महिला के परिवार से मित्रता कर ली और दावा किया कि वह ऐसे अनुष्ठान कर सकता है जिससे उसके (शिकायतकर्ता के) पति और देवर की शराब की लत छूट जाएगी, घर से बुरी आत्माएं चली जाएंगी और उन्हें छिपा हुआ खज़ाना मिल जाएगा।
आरोपी ने पीड़िता से कहा कि उसके पति पर बुरी आत्मा का साया है और आठ दिनों के भीतर उसकी मृत्यु हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि उसने पीड़िता से कहा कि इसे टालने के लिए अनुष्ठान और पूजा आवश्यक है और इसमें पांच लाख का खर्च आएगा। आरोपी ने 14 मई की रात को अपने घर पर एक अनुष्ठान किया, जिसमें पीड़िता और उसका पति भी शामिल हुआ।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने आरोपी को अपने परिवार और रिश्तेदारों से इकट्ठा किए गए 2.7 लाख रुपये नकद और 84 ग्राम सोने के आभूषण सौंप दिए।
इसके बाद आरोपी ने पीड़िता से कहा कि पैसे और गहने एक बक्से में सुरक्षित हैं और उन्हें 45 दिनों तक बंद रखना है। बाद में उसने उन्हें बताया कि वह अपने ‘गुरु’ के घर जा रहा है और तय समय के बाद वापस आकर उनका सामान लौटा देगा।
अधिकारी ने बताया कि हालांकि, बाद में पीड़िता को संदेह हुआ तो वह आरोपी के घर गई जहां उसे बक्सा खाली मिला।
गायकवाड़ ने बताया कि उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और शुक्रवार को नवी मुंबई के तुर्भे से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 316(2) (आपराधिक विश्वासघात) तथा महाराष्ट्र मानव बलि, अन्य अमानवीय और अघोरी प्रथाओं और काला जादू निवारण एवं उन्मूलन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी का असली नाम सुशील कुमार पतिदास था और वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी का रहने वाला था।
भाषा योगेश शोभना
शोभना