नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में मजबूती के बीच घरेलू तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, बिनौला तेल के दाम में सुधार दर्ज हुआ, जबकि कच्चे पामतेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल के दाम स्थिर बने रहे।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम में मजबूती दिखी पर उसका स्थानीय कारोबार में कीमतों पर उतना कोई विशेष असर नहीं दिखा।
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कमजोर बनी हुई है। इसके अलावा कच्ची घानी की बड़ी तेल मिलों की मांग भी बढ़ी है। आगामी सरसों फसल के आने में भी अच्छा-खासा समय बचा हुआ है। सरकार या फिर किसानों के पास सरसों का स्टॉक है और आगे सरसों के बाजार का रुख या घट-बढ़ सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदम से ही तय होगा। अभी हाल में वर्ष 2025 की जो सरसों फसल सरकार ने खरीदी थी, उनके बिक्री के लिए सरकार द्वारा निविदा मंगाने की पहल से बाजार पर कुछ दबाव आया है। कुल मिलाकर फिलहाल सरसों का दाम अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग छह-सात प्रतिशत ऊंचा चल रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह विदेशों में सोयाबीन का दाम पहले के 1,130-1,135 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 1,155-1,160 डॉलर प्रति टन हो गया। इस वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार प्रतीत हो रहा है। वास्तव में कहें तो सोयाबीन के किसान और आयातक की हालत काफी बुरी है क्योंकि इसके हाजिर दाम एमएसपी से काफी नीचे (लगभग 15 प्रतिशत नीचे) हैं और इस वजह से किसानों की ओर से मंडियों में आवक भी कम हो रही है। दूसरी ओर खराब आर्थिक हालत वाले आयातकों को बैंकों में ‘लेटर ऑफ क्रेडिट’ को चलाते रहने के लिए लागत से कम दाम पर सोयाबीन डीगम तेल को बेचना पड़ रहा है। अपने पिछले सप्ताहांत के मुकाबले कीमतों में मामूली सुधार तो है लेकिन इसे सही मायने में सुधार बताना सही नहीं होगा।
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली का हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 15 प्रतिशत नीचे है। इस कमजोर दाम के कारण किसानों की ओर से मंडियों में मूंगफली की आवक कम हो रही है। मूंगफली का कमजोर थोक दाम होने की वजह से थोड़ी बहुत मांग भी निकली है। इन वजहों से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी समीक्षाधीन सप्ताह में सुधार है।
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में पाम-पामोलीन तेल के दाम अपने पहले के सप्ताहांत के बंद भाव पर ही स्थिर रहे। यहां वस्तुस्थिति यह है कि जब सोयाबीन जैसा नरम तेल बाजार में ठीक से खप नहीं रहा तो दाम के मामले में लगभग उसकी बराबरी कर रहे हैं, तो पाम-पामोलीन कौन खरीदना चाहेगा। पाम-पामोलीन के दाम स्थिर बने रहने का यह प्रमुख कारण है।
सूत्रों ने कहा कि बिनौले की उपलब्धता काफी कम रहने से बीते सप्ताह बिनौला तेल के दाम में सुधार आया। वैसे गुजरात में बिनौला के रिफाइंड तेल का दाम पामोलीन से 16-17 रुपये लीटर अधिक हो गया है।
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए देशी तेल-तिलहनों का बाजार बनाने, आयात पर निर्भरता कम करने, किसानों को अच्छे दाम दिलाने की व्यवस्था करने की जरूरत नजर आती है। सरकार को तेल-तिलहन उद्योग के विभिन्न अंशधारकों के साथ मिल-बैठ कर इसपर विचार करना होगा कि आयातक क्यों लागत से कम दाम पर सोयाबीन डीगम तेल बेच रहे हैं? थोक दाम टूटा होने के बाद भी खुदरा में मूंगफली तेल का दाम क्यों ऊंचा बना हुआ है? ऐसे में ड्यूटी घटाने या बढ़ाने की क्या अहमियत रह जाती है? क्या ऊंचे खुदरा दाम का लाभ किसानों को मिल रहा है? थोक दाम टूटने का लाभ क्या उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है? क्या वायदा कारोबार के पहले के अनुभव और प्रयोग देश को तेल-तिलहन उत्पादन मामले में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में कामयाब रहे हैं या इसने आयात पर निर्भरता को और बढ़ाया ही है। इन प्रश्नों के आगे पाम-पामोलीन की बहस कहीं ज्यादा अहमियत नहीं रखती, जिसपर सारी बहस का रुख मोड़ दिया जाता है।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये के सुधार के साथ 6,925-6,975 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि, सरसों दादरी तेल का थोक भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 14,875 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 25-25 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 2,560-2,660 रुपये और 2,560-2,695 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 25-25 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,375-4,425 रुपये और 4,075-4,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। इसी प्रकार, सोयाबीन दिल्ली का दाम 50 रुपये के सुधार के साथ 12,650 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल का दाम 50 रुपये सुधार के साथ 12,450 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल का दाम 100 रुपये के सुधार के साथ 9,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में कमजोर दाम पर मांग निकलने और बिकवाली के लिए आवक घटने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम लाभ दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तिलहन का दाम 100 रुपये सुधरकर 5,700-6,075 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 150 और 35 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 13,700 रुपये क्विंटल और 2,230-2,530 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में हल्के नरम तेल सोयाबीन के दाम से लगभग बराबरी कर रहे पाम-पामोलीन की मांग प्रभावित होने के बीच सीपीओ तेल का दाम 10,650 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 12,400 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 11,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।
तेजी के आम रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 150 रुपये बढ़कर 12,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश
अजय
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