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Sunday, July 6, 2025

शिवसेना (उबाठा) के कई सांसद और विधायक मेरे संपर्क में: भाजपा नेता गिरीश महाजन

Newsशिवसेना (उबाठा) के कई सांसद और विधायक मेरे संपर्क में: भाजपा नेता गिरीश महाजन

मुंबई, छह जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) के कई सांसद व विधायक उनके संपर्क में हैं तथा लोगों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है।

महाजन ने आरोप लगाया कि ठाकरे ‘‘पलटी बहादुर’’ हैं और राज्य में त्रिभाषा नीति के कार्यान्वयन पर विवाद के बीच उनका आचरण अपरिपक्व है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री (2019 में) बनने की चाह में अपने पिता (शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे की विचारधारा से भटककर अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया।

उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने लगभग दो दशकों में पहली बार मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया, जिसके एक दिन बाद भाजपा नेता की यह टिप्पणी आई है।

राज ठाकरे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख हैं।

राज और उद्धव ने यह कार्यक्रम भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार द्वारा राज्य के विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए पूर्व में जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने का फैसला किए जाने के बाद आयोजित किया।

महाजन ने रविवार को सोलापुर में पत्रकारों से कहा, “आज भी उद्धव ठाकरे समूह के कई विधायक और सांसद मेरे संपर्क में हैं।” उन्होंने कहा, “अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं है, तो आप जल्द ही खुद ही यह देख लेंगे।”

उन्होंने दावा किया कि ठाकरे के नेतृत्व में लोगों को बिलकुल भी भरोसा नहीं है।

महाजन ने उद्धव ठाकरे को ‘‘पलटी बहादुर’’ बताते हुए दावा किया कि उनका आचरण अपरिपक्व है।

भाजपा नेता ने कहा, “उन्होंने (ठाकरे ने) मौजूदा सरकार का विरोध करने के लिए ही अपना रुख बदला है। आगामी जिला परिषद, पंचायत समिति और नगर निगम चुनावों के नतीजे बताएंगे कि प्रत्येक नेता पर जनता का कितना भरोसा है।”

महाजन ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बाल ठाकरे की विचारधारा को त्यागने का भी आरोप लगाया।

भाजपा नेता ने दावा किया, “उन्होंने (2019 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद) शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए बालासाहेब के हिंदुत्व को दरकिनार कर दिया। मुख्यमंत्री बनने की चाहत में उन्होंने अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद कर लिया है।”

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

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