लखनऊ, छह जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के बाद अपने संबोधन में कहा कि मुखर्जी एक प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और महान शिक्षाविद थे। उनका पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा।
उन्होंने दावा किया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में बनी देश की पहली सरकार में खाद्य एवं उद्योग मंत्री रहे मुखर्जी ने नेहरू सरकार की तुष्टीकरण के नीति के विरोध में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था।
योगी ने कहा कि जब नेहरू सरकार ने संविधान में कश्मीर को अनुच्छेद 370 के जरिये अलग दर्जा देने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ सबसे पहले मुखर्जी ने ही आवाज उठाई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखर्जी ने उस समय एक देश में ‘दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ का नारा दिया था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करके कश्मीर को भारत के संविधान के अनुरूप शेष भारत के साथ जोड़ते हुए ‘एक विधान, एक प्रधान और एक निशान’ के साथ देश लोकतांत्रिक धारा के साथ जोड़ने का अभिनव प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर तेजी के साथ विकास कर रहा है और यह डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्पों की विजय है।
भाषा सलीम नेत्रपाल
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