नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए पीएचडी प्रवेश के दूसरे चक्र की घोषणा की है और यह संभवतः दिसंबर में आयोजित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय ने एक परिपत्र में कहा कि यह प्रक्रिया यूजीसी/सीएसआईआर-जेआरएफ-नेट, डीबीटी-जेआरएफ, आईसीएमआर-जेआरएफ और अन्य ऐसी फेलोशिप के माध्यम से संचालित की जाएगी।
एक अलग अधिसूचना में जेएनयू के कुलसचिव ने शोधपत्र जमा करने के करीब वाले पीएचडी छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास सुविधा में विस्तार की अनुमति दी।
परिपत्र के अनुसार, छात्र ‘संबंधित विद्यालयों के पर्यवेक्षक, अध्यक्ष और डीन से विधिवत हस्ताक्षरित वचनबद्धता’ प्रस्तुत करके छात्रावास विस्तार के लिए आवेदन कर सकते हैं।
प्रशासन ने कहा कि ऐसे अनुरोधों पर ‘मानवीय आधार पर तथा मामला-दर-मामला आधार पर’ विचार किया जाएगा।
इस बीच जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सभी पीएचडी कार्यक्रमों के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने की मांग को लेकर लगातार दसवें दिन भी अपनी भूख हड़ताल जारी रखी।
छात्र संगठन ने जून 2025 यूजीसी-नेट में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बाहर करने के विश्वविद्यालय के निर्णय की निंदा की, जिनमें से कई हाल ही में स्नातकोत्तर पूरा किए हैं।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि छात्रावास का विस्तार भूख हड़ताल का परिणाम है।
कुमार ने एक बयान में कहा, ‘प्रशासन शुरू में सुनने को तैयार नहीं था, अब संघ के साथ बातचीत करने और हमारी मांगों को मानने के लिए मजबूर हो गया है। उन्हें छुट्टियों के दौरान विस्तार के लिए नोटिस जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जब कार्यालय बंद थे। किसी को भी अपनी पढ़ाई के दौरान छात्रावास खाली करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। हम पीएचडी जमा होने तक छात्रावास के लिए लड़ेंगे।’
भाषा
शुभम रंजन
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