बेंगलुरु, छह जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक में, विशेष रूप से हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौतों को कोविड-19 टीकाकरण से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से रविववार को माफी मांगने की मांग की।
भाजपा ने कहा कि विशेषज्ञ समिति को मुख्यमंत्री के दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है।
सरकार द्वारा गठित समिति के निष्कर्ष के मुताबिक, दिल का दौरा पड़ने से हुई मौतों की संख्या में वृद्धि के पीछे कोई एक कारण नहीं है। समिति ने इन मौतों के लिए व्यवहारिक, आनुवंशिक और पर्यावरणीय जोखिम जैसे कई कारण बताए हैं।
भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री को ‘‘निराधार आरोप’’ लगाने के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सिद्धरमैया की टिप्पणी को ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ बताते हुए रेखांकित किया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली सहित प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों ने स्पष्ट किया है कि कोविड-19 टीकों को दिल का दौरा पड़ने से जोड़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
जोशी ने हुबली में कहा, ‘‘सिद्धरमैया जानबूझकर ऐसे बयान दे रहे हैं क्योंकि टीके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में विकसित किये गए थे।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मान लिया था कि महामारी प्रधानमंत्री को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाएगी – लोग पीड़ित होंगे और उनके खिलाफ हो जाएंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड को संवेदनशीलता और सावधानी से संभाला।’’
उन्होंने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री को महामारी को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने का श्रेय दिया गया है, इसलिए विपक्ष निराधार दावों का सहारा ले रहा है।
जोशी ने कहा, ‘‘आईसीएमआर, एनसीडीसी और एम्स द्वारा टीकों और दिल का दौरा पड़ने के बीच किसी भी संबंध को नकारने के बाद, अब कर्नाटक सरकार के अपने जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी- जो न केवल राज्य में बल्कि पूरे भारत में एक प्रतिष्ठित संस्थान है- ने भी कोई संबंध नहीं पाया है।’’
उन्होंने रेखांकित किया कि सिद्धरमैया ने स्वयं जयदेव इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. रवींद्रनाथ की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था, ताकि कोविड टीकाकरण और दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों के बीच किसी भी संभावित संबंध की जांच की जा सके।
जोशी ने कहा, ‘‘समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोविड के टीके दिल के दौरा पड़ने का कारण नहीं हैं। क्या सिद्धरमैया अब माफी मांगेंगे? मैं उनके उक्त बयान की कड़ी निंदा करता हूं।’’
भाजपा प्रवक्ता डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने भी सिद्धरमैया की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उनके बयान का उद्देश्य भारत में विकसित टीकों को बदनाम और प्रधानमंत्री को कमजोर करना है।
सिद्धरमैया ने हाल में कहा था कि हासन जिले में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों का कारण कोविड-19 टीकाकरण हो सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि टीकों को ‘‘जल्दबाजी में’’ मंजूरी दी गई थी।
भाषा धीरज सुभाष
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