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Monday, July 7, 2025

बंगाल में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराए निर्वाचन आयोग: शुभेंदु अधिकारी

Newsबंगाल में भी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराए निर्वाचन आयोग: शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता, छह जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का रविवार को स्वागत करते हुए कहा कि इसी तरह की कवायद तृणमूल कांग्रेस शासित इस राज्य में भी की जानी चाहिए।

निर्वाचन आयोग ने बिहार में अयोग्य नामों को हटाने तथा सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल करने और उन्हें मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करने के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण करने का निर्देश जारी किया है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

अधिकारी ने बताया, ‘‘यह एक अच्छा कदम है और इससे पारदर्शिता आएगी। देश में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान की जानी चाहिए।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्र के जरिए नामांकन कराया है, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाने चाहिए।’’

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा था कि बिहार के 7.96 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 87 प्रतिशत को राज्य में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए आधे भरे हुए गणना फॉर्म उपलब्ध करा दिए गए हैं।

अधिकारी ने पहले भी कई मौकों पर आरोप लगाया था कि बांग्लादेश से आए घुसपैठियों ने बंगाल की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया है। उन्होंने ऐसे घुसपैठियों की पहचान करने तथा मतदाता सूची से उनके नाम हटाने की मांग की थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया जाना चाहिए। अवैध तरीकों से फर्जी आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने वाले रोहिंग्याओं का पता लगाया जाना चाहिए।’’

भाजपा नेता ने कहा कि देश की मतदाता सूची में केवल भारत के नागरिकों का नाम होना चाहिए।

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने है।

विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ ( इंडिया गठबंधन) के घटक दल पुरजोर तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने बिहार में यह प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसे पांच अन्य राज्यों – असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी लागू किया जाना है, जहां अगले साल चुनाव होने वाले हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि यदि मतदाता सूची में दर्ज घुसपैठियों की पहचान कर ली जाती है और उनके नाम हटा दिये जाते हैं तो राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को नुकसान होगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह जुलाई 1987 और दिसंबर 2004 के बीच जन्मे मतदाताओं को अलग-थलग कर रहा है और ‘मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण’ के नाम पर उनकी नागरिकता के दस्तावेजी सबूत मांग रहा है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ‘‘भाजपा की कठपुतली की तरह काम कर रहा है।’’ उन्होंने सवाल किया कि क्या यह पिछले दरवाजे से राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( एनआरसी) लागू करने का प्रयास है?

भाषा धीरज देवेंद्र

देवेंद्र

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