पुरी, छह जुलाई (भाषा) ओडिशा पुलिस रविवार को भगवान जगन्नाथ के रथ पर ‘सुना भेषा’ (स्वर्ण पोशाक) देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के पुरी आने के मद्देनजर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन और एआई कैमरों का इस्तेमाल कर रही है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने लोगों से तदनुसार योजना बनाने और जारी यातायात परामर्श का पालन करने को कहा है।
एडीजी (यातायात) दयाल गंगवार ने कहा कि भुवनेश्वर से पुरी की ओर आने वाले वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए, बटगांव/मालतीपतपुर में न्यूनतम प्रतीक्षा समय सुनिश्चित करने के लिए वाहनों का मार्ग बदला जा रहा है।’’ उन्होंने श्रद्धालुओं से यातायात सलाह का पालन करने और ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों के साथ सहयोग करने की अपील करते हुए कहा, ‘बटगांव में वर्तमान प्रतीक्षा समय लगभग 20-30 मिनट है।’
कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, ‘हमें ‘सुना भेषा’ के अवसर पर लगभग 15 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। कल रात ही लगभग दो लाख भक्तों ने रथों पर सवार देवी-देवताओं के दर्शन किए। प्रशासन सतर्क है और स्थिति से अवगत है तथा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।’
एसजेटीए के कार्यक्रम के अनुसार, भक्तगण रविवार को शाम 6:30 बजे से रात 11 बजे तक देवी-देवताओं के ‘सुना भेषा’ अनुष्ठान देख सकते हैं।
‘सुना भेषा यात्रा अलर्ट’ में पुलिस ने कहा कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए शनिवार रात बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पुरी पहुंचने के कारण तीर्थ नगरी में सभी पार्किंग स्थल भर गए हैं।
पुलिस ने कहा, ‘चूंकि शहर में पार्किंग स्थल लगभग पूरी तरह से भर चुके हैं, इसलिए वाहनों को पार्किंग स्थलों की उपलब्धता के आधार पर तालाबानिया और स्टर्लिंग की ओर भेजा जा रहा है। बटगांव/मालतीपतपुर में प्रतीक्षा समय अधिक हो सकता है।’
पुरी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए ओडिशा के डीजीपी वाई बी खुरानिया स्वयं एकीकृत भीड़ नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) से भीड़ प्रबंधन की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने लोगों से परामर्श का पालन करने का आग्रह किया है।
खुरानिया ने कहा, ‘भक्तों से अनुरोध है कि वे परामर्श का पालन करें और दर्शन अवधि के दौरान अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखें। रथ यात्रा की तरह पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात को विनियमित करने के लिए ड्रोन और एआई-संचालित कैमरों का उपयोग कर रही है। पुरी और उसके आसपास पर्याप्त पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।’
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात को पुरी में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा, क्योंकि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं रथों पर थीं और दर्शन खुले थे।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया, ‘शनिवार रात को भगवान के लिए कोई ‘पहुड़ा’ (आराम का समय) नहीं था और भक्तों को उन्हें रथों पर देखने का अवसर मिला। इसलिए, वहां भारी भीड़ थी।’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 जून को श्री गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत के बाद पुलिस ने ‘सुना भेषा’ अनुष्ठान के लिए सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण उपायों को बढ़ा दिया है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश