पटना, छह जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि वह बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने राज्य में सरकारी नौकरियों में अधिवास नीति लागू करने का भी समर्थन किया।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सारण जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मैं सारण से घोषणा करना चाहता हूं कि हां, चिराग पासवान बिहार के बेहतर भविष्य के लिए चुनाव लड़ेंगे।’’
चिराग ने कहा, ‘‘मैं बिहार के लोगों, अपने भाइयों, माताओं, अपनी बहनों के लिए चुनाव लड़ूंगा। हम बिहार में एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जो सही मायने में राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाएगी। मैं अपने पिता के सपनों को साकार करूंगा और ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के लिए काम करूंगा। मैं बिहार और उसके लोगों के लिए जिऊंगा और मरूंगा।’’
उन्होंने राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए अधिवास नीति शुरू करने की मांग का भी समर्थन किया। चिराग ऐसी मांग करने वाले बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग)के पहले नेता बन गए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजग) के विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि अगर चुनाव के बाद उनकी पार्टी राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनती है, तो अधिवास नीति को लागू किया जाएगा।
चिराग ने कहा, ‘‘बिहार के युवाओं के हित में सरकारी नौकरियों में अधिवास नीति लागू करने का समर्थन करता हूं। नौकरी चाहने वालों की यह लंबे समय से मांग रही है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं आपको बता दूं कि अधिवास नीति 2006 में लागू की गई थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद विपक्षी दलों ने इसे वापस ले लिया। राजद और कांग्रेस कभी राज्य के युवाओं की बेहतरी के बारे में नहीं सोचते। वे हमेशा लोगों को गुमराह करते हैं। अगर वे सत्ता में आते हैं, तो वे विरासत कर के जरिए आपकी आधी से अधिक संपत्ति हड़प लेंगे।’’
नीतीश कुमार नीत सरकार ने पहले ही अधिवास नीति लागू करने से इनकार कर दिया है। उसका कहना है कि ऐसा कोई भी कदम संविधान के खिलाफ होगा।
चिराग ने राजद पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जो लोग अब बिहार के विकास की बात कर रहे हैं, ये वही लोग हैं, जिन्होंने 90 के दशक में राज्य को बर्बाद कर दिया था।
भाषा धीरज दिलीप
दिलीप