श्रीनगर, छह जुलाई (भाषा) पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत की याद में रविवार को आशूरा के मौके पर शिया समुदाय के हजारों लोगों ने मातम मनाया और शहर में जुलूस निकाला, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुये। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
आशूरा इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम के 10वें दिन को कहा जाता है। इस दिन पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुयी थी।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा लाल बाजार इलाके में बोटा कादल से जुलूस निकलने के पहले वहां पहुंचे और मातम मनाने वालों के बीच पानी की बोतलें वितरित की। जुलूस का समापन जदीबाल इमामबाड़ा पर हुआ।
उपराज्यपाल ने सोशल मीडिया मंच ”एक्स’ पर एक पोस्ट में इमाम हुसैन और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ‘यौम-ए-आशूरा के पवित्र अवसर पर, श्रीनगर के डाउनटाउन में बोटाकादल में जुलजिना जुलूस में शामिल हुआ और हज़रत इमाम हुसैन (एएस) और उनके साथियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शांति, प्रेम और करुणा के लिए उनका बलिदान हमें समानता और सद्भाव पर आधारित समाज बनाने का मार्गदर्शन करता है।’
सिन्हा ने कहा कि, ‘हज़रत इमाम हुसैन ने निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया और मानवता को उन लोगों की देखभाल करने का मार्गदर्शन दिया जो कमजोर हैं। युवा पीढ़ी को हज़रत इमाम हुसैन के जीवन और गुणों से सीख लेनी चाहिए और उनके द्वारा दिखाए गए नेक रास्ते पर चलना चाहिए।’
छाती पीटते और मातम मनाते लोग शहर की सड़कों से गुजरे तथा अच्छाई और बुराई के बीच लड़ाई में हुसैन के बलिदान की प्रशंसा की।
अधिकारियों ने बताया कि, मुहर्रम जुलूस के मौके पर पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने बताया कि, जुलूस मार्ग पर जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। स्वयंसेवकों द्वारा स्टॉल्स पर मातम मनाने वालों के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि, आपातकालीन परिस्थितियों को संभालने के लिए डॉक्टर्स और चिकित्सा सहायकों का स्टाफ जुलूस के दौरान मार्ग पर मौजूद थे।
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