तिरुवनंतपुरम, छह जुलाई (भाषा) केरल विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित एक विशेष सिंडिकेट बैठक में तब नाटकीय दृश्य देखने को मिला जब वाम समर्थक सदस्यों ने रजिस्ट्रार के हालिया निलंबन के मामले को एजेंडे से बाहर जाकर उठाने की कोशिश की।
हालांकि, ‘सिंडिकेट’ सदस्यों ने कथित तौर पर दावा किया कि उन्होंने रजिस्ट्रार के. एस. अनिल कुमार का निलंबन रद्द कर दिया है। प्रभारी कुलपति सीजा थॉमस ने कहा कि ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि उन्होंने मामले पर चर्चा करने के उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और बैठक को रद्द कर दिया।
बैठक रद्द करने के बाद बाहर आईं थॉमस ने बाहर संवाददाताओं से कहा कि 16 सदस्यों के अनुरोध के आधार पर विशेष सिंडिकेट बैठक बुलाई गई थी।
उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा रजिस्ट्रार के निलंबन पर तथ्यपरक बयानों को अंतिम रूप देना था क्योंकि मामला सोमवार को उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुमल की अनुपस्थिति में कुलपति का अस्थायी प्रभार संभाल रहीं थॉमस ने कहा कि इस संबंध में सभी संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां सिंडिकेट के सदस्यों के अनुरोध के आधार पर वितरित की गई थीं।
थॉमस ने कहा कि जब इस मामले पर चर्चा की मांग की गई तो उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि सोमवार को जब रजिस्ट्रार के निलंबन का मामला उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए आएगा, तो एक वरिष्ठ वकील कुलपति का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सिंडिकेट के सदस्यों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि रजिस्ट्रार के निलंबन को रद्द कर दिया गया है।
केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने रजिस्ट्रार अनिल कुमार को दो जुलाई को उस निजी कार्यक्रम को रद्द करने का कथित तौर पर नोटिस जारी करने के लिए निलंबित कर दिया था, जिसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीनेट हॉल में भाग लिया था और जहां भगवा ध्वज लिए भारत माता का चित्र प्रदर्शित किया गया था।
भाषा संतोष धीरज
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